राहुल गांधी या कैप्टन अमरिंदर सिंह – किसकी जीत है गुरदासपुर ?

गुरदासपुर : हिमाचल और गुजरात विधानसभाचुनाव को लेकर भाजपा औरकांग्रेस कमर कस ही रही थी कि गुरदासपुर के नतीजे आ गये. गुरदासपुर में कांग्रेस उम्मीदवार सुनीलजाखड़ की जीतसे कांग्रेस उत्साहित है. छह महीने पहले विधानसभाचुनाव के दौरान कैप्टनअमरिंदर सिंह ने सरकार बनायी थी.पहली नजर में देखे तो कांग्रेस में सबकुछ सामान्य है और इस जीत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 15, 2017 2:25 PM

गुरदासपुर : हिमाचल और गुजरात विधानसभाचुनाव को लेकर भाजपा औरकांग्रेस कमर कस ही रही थी कि गुरदासपुर के नतीजे आ गये. गुरदासपुर में कांग्रेस उम्मीदवार सुनीलजाखड़ की जीतसे कांग्रेस उत्साहित है. छह महीने पहले विधानसभाचुनाव के दौरान कैप्टनअमरिंदर सिंह ने सरकार बनायी थी.पहली नजर में देखे तो कांग्रेस में सबकुछ सामान्य है और इस जीत को नरेंद्र मोदी की घटती लोकप्रियता से जोड़कर देखा जा सकता है.

लेकिन अगरमध्य प्रदेश, राजस्थान औरबिहार मेंकांग्रेस की स्थिति और अंदरूनी राजनीति कोदेखे तो कांग्रेस मेंकेंद्र से लेकर राज्यों में नेतृत्व को लेकर संघर्ष भी दिख जायेगा.मध्य प्रदेश में दिग्विजय, कमलनाथ बनाम ज्योदितराज सिंधिया,राजस्थान में अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट और बिहार में सदानंद सिंह बनाम अशोक चौधरी के बीच संघर्ष अब भी कायम है. अगर कांग्रेस पीढ़ी परिवर्तन करने में कामयाब नहीं होती है तो यह जीत भी उसके खराब होते हालत से बाहर लाने में कोई मदद नहीं कर सकती है.

कांग्रेसके लिए अच्छीबात यह कि सोनिया ने राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने केसंकेत दिये हैं.केंद्रीय नेतृत्व में भ्रम की स्थिति खत्म हो जायेगी. तो संभव है कि राज्यों में भी पीढ़ी परिवर्तन का दौर चल पड़े. गुरदासपुर की जीत में राहुल का बड़ा योगदान है या फिर कैप्टन अमरिंदर सिंह की सक्रियता ने जाखड़ को जीत दिलायी है.

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लगाया था जोर

गुरदासपुर उपचुनावअमरिंदर सिंह के लिए प्रतिष्ठा का विषयबन चुका था. उपचुनाव मेंअमरिंदर सिंह नेजाखड़ के समर्थन में जमकर प्रचार किया. देश में मोदी लहर के बीचपंजाब में कांग्रेस की जीत के बाद से अमरिंदर सिंह का कद पार्टी में बढ़ा है. गौरतलब है कि पूरे चुनाव के दौरान कांग्रेसके केंद्रीय नेतृत्व की उस तरह कीसक्रियता नहीं दिखाई. राहुल गांधी गुजरात में सक्रिय रहे लेकिन पंजाब को लेकर उन्होंने कोई खास रूचि नहीं दिखायी थी.

पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह नेइस तरह से जीता था चुनाव

पंजाब चुनाव के पहलेप्रताप सिंह बाजवाकांग्रेस के अध्यक्षथे लेकिन चुनाव के पहले दोनों में टकराव की खबरें आयी. पंजाब में कांग्रेस पार्टी ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को बतौर मुख्यमंत्री केउम्मीदवार के रूप मेंउतारा. जनता के सामने भ्रम की स्थितिखत्म हो गयी और कैप्टन की छवि पहले से ही मजबूत नेता कीथी. अकाली दल से परेशान जनता ने कांग्रेस को वोट दे दिया.

भाजपा को अकाली का साथ पड़ा था महंगा

भाजपाको अकाली का साथ महंगा पड़ गया था. अकाली केसाथ गठबंधन के वजह से पंजाब मेंभाजपा की उपस्थिति एक दायरे में सिमट गयी. वहीं बीजेपी ने क्षेत्रीय स्तर पर कोई बड़ा नेता खड़ा कर पायी.केंद्र की सरकार में अकाली का समर्थन है लेकिन केंद्र मेंहरसिमरत कौर समेत एक दो लोग ही पंजाब से मंत्री बन पाये. हालिया कैबिनेट फेरबदल में हरदीप सिंह पुरी को शामिल कर भाजपा ने यह गलती सुधारने की कोशिश की.

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