दिवाली बाजार का हाल : इलेक्ट्रोनिक पटाखों की नयी रेंज, ऑनलाइन खरीदारी से छोटे दुकानदारों को फायदा

नयी दिल्ली : दिपावली में दिल्ली में पटाखों की खरीद पर पाबंदी लग गयी. अचानक बाजार में नये तरीके के पटाखों ने जगह ले ली है. कई तरह के इलेक्ट्रोनिक पटाखे जो शोर करते हैं लेकिन प्रदूषण नहीं फैलाते. कई पटाखे जो रिमोर्ट से चलते हैं. बंदूक की नयी रेंज जिसमें तरह- तरह की आवाजें […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2017 1:50 PM

नयी दिल्ली : दिपावली में दिल्ली में पटाखों की खरीद पर पाबंदी लग गयी. अचानक बाजार में नये तरीके के पटाखों ने जगह ले ली है. कई तरह के इलेक्ट्रोनिक पटाखे जो शोर करते हैं लेकिन प्रदूषण नहीं फैलाते. कई पटाखे जो रिमोर्ट से चलते हैं. बंदूक की नयी रेंज जिसमें तरह- तरह की आवाजें निकलती हैं. इलेक्ट्रोनिक क्रेकर्स की नयी रेंज लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रही है.

इन क्रेकर्स में कई लड़ियां हैं जो लाइट जलने के साथ आवाज करती हैं. कई पटाखे जो छोटे सर्किट से जुड़ी हैं और रिमोर्ट से फूटती हैं. बाजार में खिलाने वाले बंदूक की मांग अचानक बढ़ गयी है जो बच्चों के मन को बहलाये रखने के लिए काफी है ताकि बच्चे पटाखों के लिए जिद ना करें. बैटरी से चलने वाले चुटपुटिया पटाखे भी डिमांड में हैं.

कोर्ट के आदेश के बाद अचानक पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लग गया. बाजार और व्यापारी पहले से इस झटके के लिए तैयार नहीं थे.कई व्यापारी मानते हैं कि इस फैसले से उन्हें नुकसान हुआ लेकिन त्योहार के इस मौसम में उन्हें कमायी तो करनी है ऐसे में इलेक्ट्रोनिक पटाखों की नयी रेंज बाजार में नया ट्रेंड ला रही है.
ऑनलाइन बाजार का क्या है हाल
त्योहारी सीजन में ऑनलाइन बाजार ढेर सारे ऑफर दे रहा है. अमेजन, फ्लिपकार्ट जैसी ई कामर्स कंपनियां मोबाइल, इलेक्ट्रोनिक गैजेट समेत कई तरह के सेगमेंट में अच्चा ऑफर दे रही हैं. इस ऑफर का फायदा दुकानदार भी उठा रहे हैं. पेटीएम से खरीदारी पर कैशबैक मिल रहा है जिससे अच्छी बचत हो रही है. छोटे दुकानदार इस मौके का लाभ उठाकर सामान खरीद रहे हैं.
विशेषज्ञों की मानें तो इस वक्त डीलर का मिलने वाली प्राइज से भी कम कीमत पर ऑनलाइन शॉपिंग में खरीदारी की जा सकती है. ऐसे में छोटे दुकानदार सामान खरीद कर उचित वक्त का इंतजार कर रहे हैं. गली मोहल्ले में चलने वाले छोटे दुकानदार अपने परिवार के सदस्यों के अकाऊंट से खरीदारी कर रहे हैं. कई लोगों ने 5- 10 अकाऊंट बना रखा है. विशेषज्ञ मानते हैं कि अबतक हुई शॉपिंग का 20 प्रतिशत से भी अधिक दुकानदारों ने खरीदा है. छोटे रिटेलर इस बात से भी चिंतित हैं कि इतने कम कीमत पर कैसे सामान बिक रहे हैं.

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