15 साल तक के तरुणों को जोड़ेगा RSS, अगले 3 वर्षों का खाका तैयार

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने युवाओं को बड़े पैमाने पर संगठन से जोड़ने के लिए तीन वर्ष का खाका तैयार किया है. इसके तहत संघ 15 वर्ष से कम आयु के तरुणों को नियमित शाखा से जोड़ेगा और 15 वर्ष से अधिक आयु के किशोरों के लिए साप्ताहिक मिलन कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जायेगा. भोपाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2017 2:03 PM
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने युवाओं को बड़े पैमाने पर संगठन से जोड़ने के लिए तीन वर्ष का खाका तैयार किया है. इसके तहत संघ 15 वर्ष से कम आयु के तरुणों को नियमित शाखा से जोड़ेगा और 15 वर्ष से अधिक आयु के किशोरों के लिए साप्ताहिक मिलन कार्यक्रम को आगे बढ़ाया जायेगा.
भोपाल में अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक में संघ की शाखाओं के विस्तार के संबंध में तीन वर्ष की कार्ययोजना का खाका तैयार किया गया.
इस बैठक में सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत और सरकार्यवाह सुरेश भय्याजी जोशी समेत वरिष्ठ प्रचारकों ने हिस्सा लिया. देशभर के 350 संघ के कार्यकर्ता और 11 क्षेत्रों एवं 42 प्रांतों के पदाधिकारी भी इस बैठक में शामिल हुए.
संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने बताया कि समाज में संघ का कार्य बढ़ा है. संघ कार्य के विस्तार में युवाओं की बड़ी भूमिका है.
संघ का एक प्रकल्प है ‘ज्वॉइन आरएसएस’, जिसके माध्यम से बड़ी संख्या में टेक्नोसेवी युवा संघ से जुड़ रहे हैं. ‘ज्वॉइन आरएसएस’ के माध्यम से जुड़नेवाले युवाओं की संख्या में 2015 की तुलना में 2016 में 48 प्रतिशत और 2017 में 52 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. यह सभी आंकड़े जनवरी से जून तक के हैं जिनमें 20 से 35 आयु वर्ग के युवकों की संख्या अधिक है. कुछ राजनीतिक दलों के आरएसएस से युवाओं के दूरी बनाने के दावों को खारिज करते हुए संघ ने देश में अपनी शाखाओं के बारे में आंकड़ों के माध्यम से जोर दिया कि पिछले वर्षों में संघ का कार्य, शाखाओं की संख्या और युवाओं के सहयोग में लगातार वृद्धि हुई है.
‘ज्वाइन आरएसएस’ से लगातार जुड़ रहे युवा
34 हजार से अधिक स्थानों पर प्रतिदिन शाखा
49 हजार 493 स्थानों पर शाखा और मिलन
550 शाखा की बढ़ोतरी एक साल में
52 % युवा ज्वाइन आरएसएस से जुड़े
समाज में संघ का कार्य बढ़ा है. पिछले वर्षों में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्य, शाखाओं की संख्या और युवाओं के सहयोग में लगातार वृद्धि हुई है.
मनमोहन वैद्य , संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख कार्यक्रम पूरे देश में
संघ मानता है कि परिवार समृद्ध और सुदृढ़ होंगे, तो राष्ट्र भी समर्थ बनेगा. इस विचार को लेकर संघ के कार्यकर्ताओं ने 15 वर्ष पूर्व कर्नाटक में कुटुम्ब प्रबोधन का प्रयोग प्रारंभ किया. संघ के पदाधिकारी ने बताया कि आज यह प्रयोग पूरे देश में चलाया जा रहा है और इसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे हैं. इसके अलावा संघ ग्राम विकास और सामाजिक समरसता जैसी गतिविधियां भी संचालित की जा रही हैं.

Next Article

Exit mobile version