नयी दिल्ली : बोफोर्स मामले में निजी जासूस माइकल हर्शमैन के दावों को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को घेरने का प्रयास करते हुए भाजपा ने बुधवार को जोर दिया कि देश आज भी बोफोर्स का सच जानना चाहता है और यह स्पष्ट होना चाहिए कि राजीव गांधी से कथित तौर पर मिलने वाला पाकिस्तानी नागरिक कौन था और उसके ब्रीफकेस में क्या था?
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने यहां भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि बोफोर्स मामले से स्पष्ट होता है कि कांग्रेस का राजनीतिक और प्रशासनिक इतिहास अपने आप में इस बात का गवाह है कि एक तरफ वे भ्रष्टाचार करेंगे और दूसरी तरफ जो उनके खिलाफ आवाज उठायेगा, उसकी आवाज पैसे से बंद करेंगे या उसकी आवाज दबा दी जायेगी.
स्मृति ने हर्शमैन को उद्धृत करते हुए कहा कि हर्शमैन ने सीधे तौर पर इस मामले में कांग्रेस नेताओं के शामिल होने का आरोप लगाया है, इसपर पार्टी को जवाब देना चाहिए. स्मृति ईरानी की टिप्पणी माइकल हर्शमैन के साक्षात्कार और सीबीआई के उस बयान के आलोक में सामने आयी कि वह (एजेंसी) नये दावों के अनुरुप बोफोर्स घोटाले के तथ्यों एवं परिस्थतियों पर विचार करेगी.
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केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हर्शमैन ने इस मामले में एक टीवी चैनल और एक अखवार को दिये साक्षात्कार में गंभीर आरोप लगाये हैं और कुछ चौंकाने वाले खुलासे किये हैं. हर्शमैन ने कहा कि तत्कालीन वित्तमंत्री वीपी सिंह ने उन्हें कांग्रेस सरकार में चल रही मनी लॉन्ड्रिंग की जांच करने को कहा था. जब इसकी जांच की तब बैंक आफ क्रेडिट एंड कामर्स इंटरनेशनल (बीसीसीआई) के खाते में अनियमितता की बात सामने आयी.
बीसीसीआई की स्थापना 1972 में एक पाकिस्तानी नागरिक ने की थी. स्मृति ने कहा कि बीसीसीआई कालाधन, वित्तीय अपराध से संबंध रखती थी. हर्शमैन के अनुसार, उन्होंने पाया कि स्विटजलैंड के बैंक खातों में बहुत धनराशि जमा की गयी है. यह राशि रिश्वत से जुड़ी है एवं हथियारों के लेनदेन से संबंधित हैं इस ममले की तत्कालीन वित्त मंत्री वी पी सिंह ने जांच करने को कहा था.
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बाद में वी पी सिंह को वित्त मंत्री के पद से हटा दिया गया था. भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, माइकल हर्शमैन का मानना है की स्विट्जरलैंड में कुछ बैंकों में जो धनराशी जमा की जा रही है उसमे बोफोर्स का पैसा है. स्मृति ने कहा कि हर्शमैन के अनुसार उन्हें बोफोर्स मामले में घूस देने और एक बार जान से मारने का प्रयास किया गया.
हर्शमैन का यह भी कहना है कि राजीव गांधी को जब इसका पता चला तब उसके बाद सीबीआई ने छापेमारी की और बैंक को बंद कर दिया गया. तब एक पाकिस्तानी नागरिक ने एक बडे ब्रीफकेस के साथ उनसे मुलाकात की थी और 48 घंटे के भीतर बैंक दोबारा खुल गया. स्मृति ने सवाल किया कि देश के नागरिक आज भी बोफोर्स मामले का सच जानना चाहते हैं. भारतीय बोफोर्स मामले में जवाबदेही की मांग कर रहे हैं. राजीव गांधी से मिलने वाला पाकिस्तानी नागरिक कौन था जिसके बारे में हर्शमैन ने जिक्र किया है. उस ब्रीफकेस में क्या था जिसके बारे में हर्शमैन ने जिक्र किया है.