राहुल ने गुजरात मॉडल को टॉफी मॉडल बताने वाले अपने बयान को सही ठहराया
आगरा: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने विकास के गुजरात मॉडल को ‘टॉफी मॉडल’ बताने वाले अपने बयान को मंगलवार रात सही ठहराते हुए कहा कि यह नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा उद्योगपतियों को एक रुपया प्रति वर्ग मीटर की दर से जमीन देने के कारण कहा गया. एक रुपया किसी टॉफी की कीमत है. रात नौ […]
आगरा: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने विकास के गुजरात मॉडल को ‘टॉफी मॉडल’ बताने वाले अपने बयान को मंगलवार रात सही ठहराते हुए कहा कि यह नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा उद्योगपतियों को एक रुपया प्रति वर्ग मीटर की दर से जमीन देने के कारण कहा गया. एक रुपया किसी टॉफी की कीमत है.
रात नौ बजे के करीब यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने आरोप लगाया कि गुजरात सरकार ने 45 हजार एकड से अधिक किसानों की जमीन का अधिग्रहण कर लिया और एक रपये प्रति वर्ग मीटर की दर से उद्योगपतियों को मॉल बनाने और अन्य शहरी शोपीस के निर्माण के लिए दे दिया. इससे गरीबों को भोजन और आजीविका से वंचित किया गया.
उन्होंने कहा, ‘‘आप एक रपया में टॉफी खरीद सकते हैं लेकिन गुजरात में एक रपये प्रति वर्ग मीटर की दर से उद्योगपतियों को जमीन दी गई. इसलिए मैंने गुजरात के विकास मॉडल को टॉफी मॉडल का नाम दिया.’’ उन्होंने कहा कि बहुचर्चित गुजरात मॉडल फूले हुए गुब्बारे की तरह है जो गोदने पर फूट जाएगा.
साल 2004 के चुनाव में ‘इंडिया शाइनिंग’ नारे के विफल होने और 2009 के चुनाव में हारने के बाद भाजपा गुजरात मॉडल के साथ आई है. यह गरीबों को उनकी आजीविका से वंचित करता है. दूसरी तरफ कांग्रेस चौतरफा विकास चाहती है और गरीबों और हाशिए पर गए लोगों का उत्थान चाहती है.