शिमलाः हिमाचल प्रदेश में छह बार मुख्यमंत्री रह चुके वीरभद्र सिंह ने प्रदेश में नौ नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए सोलन जिले के अर्की विधानसभा क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. सिंह ने अपने बेटे विक्रमादित्य सिंह के लिए शिमला (ग्रामीण) की सीट खाली कर दी है और अर्की से इस बार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. सैकडों समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने सहायक निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय के बाहर मुख्यमंत्री का अभिनंदन किया.
इससे पहले 83 वर्षीय कांग्रेस नेता चार बार अपने निर्वाचन क्षेत्रों में परिवर्तन कर चुके हैं. उन्होंने 1983 और 1985 में जुब्बल और कोटखाई से चुनाव लड़ा था. इसके बाद 1990, 1993, 1998 और 2007 में उन्होंने रोहडू से चुनाव लड़ा था. इस सीट को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित किये जाने के बाद 2012 में उन्होंने शिमला (ग्रामीण) विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था.
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नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद सिंह ने कहा कि कांग्रेस आगामी चुनाव विकास के एजेंडे पर लड़ेगी और आसानी से जीत दर्जकर सत्ता में वापसी करेगी. उन्होंने कहा कि नोटबंदी और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को जल्दबाजी में लागू किये जाने का निर्णय भाजपा पर भारी पड़ेगा, क्योंकि इससे व्यापारियों और आम लोगों को समान रुप से परेशानी का सामना करना पड़ा है.
नौदान से चुनाव लड़ रहे राज्य कांग्रेस प्रमुख सुखविंदर सिंह सुक्खू पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नियमों के अनुसार चुनाव लड़ने की बजाय राज्य कांग्रेस अध्यक्ष को चुनावों के प्रबंध करने चाहिए, लेकिन अगर उन्होंने चुनाव लड़ने का निर्णय कर लिया है, तो सुचार रूप से चुनाव कराये जाने के लिए किसी और को पार्टी की राज्य इकाई का प्रमुख बनाया जाना चाहिए.