गुजरात चुनाव में प्रचार से वंचित रह सकते हैं लालकृष्ण आडवाणी, संघ हस्तक्षेप के मूड में नहीं

नयी दिल्ली : गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान से वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी इस बार वंचित रह सकते हैं. सूत्रों के अनुसार, संभवत: आडवाणी अपने संसदीय क्षेत्र गांधीनगर में भी चुनाव प्रचार के लिए आमंत्रित नहीं किये जायेंगे. आडवाणी वर्तमान में गुजरात के गांधीनगर से लोकसभा सांसद हैं. वे 1991 में इस सीट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2017 11:46 AM

नयी दिल्ली : गुजरात विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान से वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी इस बार वंचित रह सकते हैं. सूत्रों के अनुसार, संभवत: आडवाणी अपने संसदीय क्षेत्र गांधीनगर में भी चुनाव प्रचार के लिए आमंत्रित नहीं किये जायेंगे. आडवाणी वर्तमान में गुजरात के गांधीनगर से लोकसभा सांसद हैं. वे 1991 में इस सीट से पहली बारचुनाव जीत कर दसवीं लाेकसभा में सांसद चुने गये थे. आडवाणी की गुजरात में सक्रियता के साथ पार्टी का वहां तेजी से आधार बढ़ा था. 1990 के विधानसभा चुनाव में भाजपा नेइसप्रदेश में 67 सीटें जीतीं थीं, जबकि 1995 में वह रिकार्ड 121 सीटें हासिल करने में कामयाब रही. अयोध्या आंदोलन के कारण इस दौर में आडवाणी अपनी राजनीतिक यात्रा के शिखर पर थे.

आडवाणी से चुनाव प्रचार नहीं करवाने के फैसले की जानकारी भाजपा ने पितृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को भी दे दी है. सूत्रों के अनुसार, भोपाल में हुई संघ की बैठक में यह सूचना संघ को पार्टी की ओर से दी गयी. हालांकि संघ भाजपा के इस फैसले में हस्तक्षेप करने के मूड में नहीं है.

नरेंद्र मोदी के गुजरात के मुख्यमंत्री से प्रधानमंत्री बनने के बाद गुजरात का इस बार का चुनाव बेहद रोमांचक होने जा रहा है. प्रधानमंत्री व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के गृह प्रदेश में राहुल गांधी ने भी अपनी पूरी ऊर्जा लगा दी है. पटेल व दलित आंदोलन के मद्देनजर भाजपा को चुनौतियों का अहसास है. मोदी पिछले कुछ सप्ताहमें गुजरात का कई बार दौरा कर चुके हैं. वे एक बार फिर रविवार को गुजरात के दौरे पर जायेंगे.


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गांधीनगर सीट का इतिहास

1996 में 11वीं लोकसभा के लिए गांधीनगर सीट से अटल बिहारी वाजपेयी चुनाव लड़े थे और विजयी हुए थे, लेकिन उन्होंने यह सीट छोड़ दी और फिर यहां भाजपा के ही विजयभाई पटेल उम्मीदवार बने और चुनाव जीता. इसके बाद 1998 से आडवाणी लगातार इस सीट से चुनाव जीतते रहे हैं. लालकृष्ण आडवाणी मोदी की अगुवाई में लड़े गये 2014 के चुनाव में भी यहां से जीते, हालांकि उस समय मीडिया में इस आशय की खबर आयी थी कि आडवाणी ने गुजरात के बजाय मध्यप्रदेश से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा प्रकट की थी.आडवाणीउसदौर में कई मौकों परमध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सार्वजनिक रूप सेप्रशंसा करचुकेथे. हालांकि अंतत: उन्हें पार्टी ने उनकी परंपरागत सीट गांधीनगर से ही उम्मीदवार बनाया और वे जीते.

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