पीएम मोदी पाकिस्तान के साथ शांति तो चाहते हैं, लेकिन सुरक्षा की कीमत पर कतई नहीं

नयी दिल्ली/वाशिंगटन : ट्रंप प्रशासन के शीर्ष अधिकारी ने पाकिस्‍तान को सलाह दी है और कहा है कि नयी दिल्‍ली के साथ व्‍यापारिक संबंधों को पुन: शुरू करने के लिए रिश्‍ते को मजबूत बनाना इस्‍लामाबाद के लिए अच्छा होगा. उन्‍होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्‍तान के साथ शांति स्‍थापित करने की दिशा में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2017 12:37 PM

नयी दिल्ली/वाशिंगटन : ट्रंप प्रशासन के शीर्ष अधिकारी ने पाकिस्‍तान को सलाह दी है और कहा है कि नयी दिल्‍ली के साथ व्‍यापारिक संबंधों को पुन: शुरू करने के लिए रिश्‍ते को मजबूत बनाना इस्‍लामाबाद के लिए अच्छा होगा. उन्‍होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पाकिस्‍तान के साथ शांति स्‍थापित करने की दिशा में नहीं बढ़ सकते क्‍योंकि ऐसा करने से उनके देश की सुरक्षा पर खतरा होगा.

अगले सप्ताह अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन की पहली आधिकारिक यात्रा को देखते हुए ट्रंप प्रशासन के शीर्ष अधिकारी दक्षिण एशिया की प्रशासन की नीति के बारे में जानकारी के साथ, इस सवाल पर प्रतिक्रिया दे रहे थे कि पाकिस्‍तान के साथ भारत शांति और स्थिरता बनाये रखने के लिए क्या कदम उठा सकता है.

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उन्होंने कहा कि यह स्‍पष्ट है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्षेत्र में शांति स्थापित करना चाहते हैं लेकिन पाकिस्‍तान के साथ शांति के लिए वे अपने देश की सुरक्षा से समझौता कतई नहीं कर सकते हैं. इसलिए पाकिस्‍तान के साथ शांति वार्ता उनके फैसले पर निर्भर करता है. उन्‍होंने आगे कहा कि हम चाहते हैं कि भारत और पाकिस्‍तान आपस में बातचीत करें. हमें लगता है कि उनके लिए ऐसा करना और विश्वास कायम करने के साथ क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के रास्ते पर पहुंचना बहुत महत्वपूर्ण है. हम चाहते हैं कि दोनों देशों में समृद्धि के स्तर पर सुधार हो.
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उन्‍होंने कहा कि पाकिस्‍तान की ओर से पठानकोट समेत भारत में हो रहे लगातार आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्‍तान के साथ तब तक बातचीत नहीं करने का फैसला लिया है. जब तक पाकिस्तान अपने आतंकियों को समर्थन देना बंद नहीं करता है भारत बातचीत की दिशा में आगे नहीं बढ़ेगा. भारत की नीति है कि आतंक और बातचीत एक साथ आगे नहीं बढ़ सकते जैसा कि संसद में विदेश मंत्री सुषमा स्‍वराज ने कहा था… ट्रंप प्रशासन के अधिकारी ने आगे बताया कि मेरा मानना है कि भारत को इसपर अपना फैसला सुनाना होगा और भारत इसमें बेहतर भूमिका निभा सकता है. निश्‍चित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी नेतृत्व क्षमता का राष्‍ट्रपति ट्रंप बहुत सम्‍मान करते हैं.

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