चंडीगढ़ः 25 अगस्त 2017 को डेरा सिरसा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम के खिलाफ सीबीआई अदालत ने फैसले सुनाया था जिसके बाद डेरा सिरसा के समर्थकों ने जमकर उत्पात मचाया. समर्थकों द्वारा की गयी हिंसा के संबंध में धीरे-धीरे कई तथ्य सामने आ रहे हैं. नये खुलासे से यह बात सामने आ रही है कि हिंसा में एमएसजी के सीईओ सीपी अरोड़ा का महत्वपूर्ण रोल था. पुलिस ने कुछ दिन पहले ही उसे गिरफ्तार किया है.
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पुलिस ने दावा किया है कि अरोड़ा के इशारे के बाद ही हिंसा भड़की और शहर में डेरा समर्थकों ने जमकर बवाल मचाया. सूत्रों की मानें तो सीपी अरोड़ा अपनी पिछली नौकरी त्याग कर 2016 से राम रहीम के एमएसजी से साथ कम सैलरी पर नौकरी करने लगा. पुलिस के अनुसार 25 अगस्त को हुई हिंसा की साजिश डेरे की प्रबंधक कमेटी ने के द्वारा रची गयी थी, जिसका अरोड़ा भी सदस्य था.
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पुलिस ने जानकारी दी कि हिंसा का प्लान पहले से ही तैयार था. प्लान के तहत पंचकूला में सीबीआई की विशेष अदालत के अंदर मौजूद हनीप्रीत ने बाहर खड़े राम रहीम के ड्राइवर राकेश कुमार को इशारा किया. यह इशारा हिंसा और उत्पात फैलाने का था. राकेश ने फोन करके यह मैसेज डेरा समर्थकों के बीच मौजूद सीपी अरोड़ा और कोर कमेटी के सदस्यों तक पहुंचाया जिसके बाद शहर हिंसा की चपेट में आ गया.
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फिलहाल पुलिस सबूत जुटाने के लिए सीपी अरोड़ा के मोबाइल की कॉल डिटेल खंगाल रही है.