शरद यादव खेमे का एेलान, अगले साल मार्च में होगा जदयू पदाधिकारियों के चुनाव का चुनाव

नयी दिल्लीः जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के शरद यादव खेमे ने शनिवार को सांगठनिक चुनाव कराने का एेलान कर दिया है. इस खेमे ने चुनाव की तारीख की घोषणा करते हुए कहा है कि अगले साल 11 मार्च को पार्टी पदाधिकारियों के चुनाव कराये जायेंगे. पार्टी की आेर से छोटू भाई वासव को कार्यकारी अध्यक्ष […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 21, 2017 7:55 PM
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नयी दिल्लीः जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के शरद यादव खेमे ने शनिवार को सांगठनिक चुनाव कराने का एेलान कर दिया है. इस खेमे ने चुनाव की तारीख की घोषणा करते हुए कहा है कि अगले साल 11 मार्च को पार्टी पदाधिकारियों के चुनाव कराये जायेंगे. पार्टी की आेर से छोटू भाई वासव को कार्यकारी अध्यक्ष एवं अली अनवर को उपाध्यक्ष समेत कुछ अंतरिम पदाधिकारियों की सूची भी जारी की गयी है.

इस बाबत शरद यादव ने एक संवाददाता सम्मेलन में राज्यों में पार्टी की इकाइयों के अध्यक्षों की एक सूची भी जारी की. बिहार के लिए तदर्थ समिति के सदस्यों की भी घोषणा की गयी. पूर्व मंत्री रमई राम इस समिति के अगुआ होंगे. इसके पहले यादव जदयू के चुनाव निशान पर दावा करते हुए चुनाव आयोग गये थे. उन्होंने कहा कि उनके गुट ने अपने दावे के समर्थन में 429 हलफनामे पेश किये हैं.

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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुआई वाले गुट ने भी कुमार के नेतृत्व के समर्थन में अपने सांसदों एवं विधायकों के हलफनामे पेश किये हैं. इस गुट का दावा है कि पार्टी के ज्यादातर नेता नीतीश कुमार के साथ हैं और महज मुट्ठी भर नेता यादव के पक्ष में हैं. उसने राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू से संपर्क किया है और अपने बागी सांसदों शरद यादव और अली अनवर को अयोग्य करार देने की अर्जी लगायी है.

जब शरद यादव से राज्यसभा से उन्हें और अनवर को सभापति के सामने पेश होने के लिए नोटिस मिलने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उनके वकील इस मामले पर गौर कर रहे हैं. यादव ने भाजपा के साथ हाथ मिलाने और एनडीए में शामिल होने को लेकर कुमार के खिलाफ मुखालफत कर रखी है. उन्होंने कांग्रेस और विपक्षी दलों के साथ हाथ मिला लिया है.

गुजरात चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा में चुनाव आयोग द्वारा कथित रूप से देरी करने पर उन्होंने कहा कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव की एक साथ घोषणा नहीं करने का फैसला सही नहीं है. यह पहली बार हुआ है. जो लोग चुनाव आयोग में हैं, मैं उनसे मैं कहना चाहता हूं कि आपके पूर्ववर्ती विभिन्न प्रकार के दबावों के बावजूद निष्पक्ष थे और ईमानदार रेफरी की भांति काम किया.

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