संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र ने किन्नरों को तीसरे लिंग के रुप में पहचान देने के भारत के उच्चतम न्यायालय के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि यह ‘ऐतिहासिक’ फैसला सुधारों के लिए रास्ता बनाएगा जिससे रोजगार और लोक सेवाओं तक समुदाय की पहुंच होगी.उच्चतम न्यायालय के फैसले पर प्रतिक्रिया करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के प्रवक्ता स्टीफन डुआरिक ने संवाददाताओं से कल कहा कि ‘‘हम ऐतिहासिक फैसले का स्वागत करते हैं’’ जो समूचे भारत में किन्नरों को अधिकार प्रदान करता है.
उन्होंने कहा, ‘‘फैसला आधिकारिक तौर पर कानून में तीसरे लिंग की पहचान करता है और पुष्टि करता है कि लैंगिक पहचान के आधार पर भेदभाव भारतीय संविधान के तहत अस्वीकार्य है.’’ डुआरिक ने कहा, ‘‘इससे सुधारों का रास्ता तैयार होना चाहिए जिससे अपने लैंगिक पहचान प्राप्त करने के लिए भारत में किन्नरों को आसानी होगी इसके साथ रोजगार और लोक सेवाओं तक पहुंच होगी.’’ उन्होंने साथ ही कहा कि मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय ने भी फैसले का स्वागत किया है.