मोदी-अशरफ गनी ने कहा-अफगानिस्तान में शांति सीमा पार आतंकियों के पनाहगाह के खात्मे से ही संभव

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आतकंवाद की समस्या के खात्मे के लिए मंगलवारको अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहरायी. इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि स्थायी शांति के लिए सीमा पार सुरक्षित पनाहगाहों और अभयारण्यों का बंद होना आवश्यक है. दोनों नेताओं ने रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2017 8:49 PM

नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आतकंवाद की समस्या के खात्मे के लिए मंगलवारको अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहरायी. इसके साथ ही उन्होंने जोर दिया कि स्थायी शांति के लिए सीमा पार सुरक्षित पनाहगाहों और अभयारण्यों का बंद होना आवश्यक है. दोनों नेताओं ने रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में भारत द्वारा दिये जा रहे समर्थन का सकारात्मक मूल्यांकन भी किया. इसके साथ ही नयी दिल्ली अफगान सुरक्षा और पुलिस बलों की आवश्यकताओं के आधार पर और सहायता देने पर सहमत हुआ.

विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार दोनों नेताओं के बीच विस्तृत बातचीत हुई. दोनों दोपहर के भोज पर भी मिले. बयान के अनुसार भारतीय नेतृत्व ने अफगानिस्तान में बातचीत के आधार पर ऐसी सुलह के लिए अपना समर्थन फिर दोहराया जो अफगानिस्तान के नेतृत्व में, अफगान स्वामित्व का और अफगानिस्तान द्वारा नियंत्रित हो.

पाकिस्तान का परोक्ष रूप से जिक्र करते हुए बयान में इस बात पर जोर दिया गया कि हिंसा और आतंकवाद का त्याग, सीमा पार सुरक्षित पनाहगाहों और अभयारण्यों का बंद किया जाना किसी भी सार्थक प्रगति और स्थायी शांति के लिए आवश्यक है. हालांकि, बयान में पाकिस्तान का नाम नहीं लिया गया है. इसमें कहा गया है, हजारों अफगान रक्षा और सुरक्षाकर्मियों को प्रशिक्षण सहित रक्षा और सुरक्षा क्षेत्रों में भारत द्वारा दिये जा रहे समर्थन का सकारात्मक मूल्यांकन किया गया. भारतीय पक्ष अफगान सुरक्षा और पुलिस बलों की आवश्यकताओं के आधार पर और सहायता देने पर सहमत हुआ.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति गनी ने विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की तथा आतकंवाद को समाप्त करने के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहरायी. मंत्रालय ने कहा कि पिछले तीन साल में राष्ट्रपति गनी का यह चौथा भारत दौरा है और दोनों नेताओं के बीच यह 12वीं मुलाकात थी. गनी की यात्रा काफी अहम है क्योंकि यह अमेरिकी विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन के दौरे के पूर्व हो रही है. टिलरसन बुधवार भारतीय नेतृत्व के साथ बातचीत करेंगे. अमेरिका चाहता है कि भारत अफगानिस्तान में और बड़ी भूमिका निभाये.

इसमें कहा गया है कि साझा मकसदों को हासिल करने के लिए दोनों पक्ष सभी स्तरों पर द्विपक्षीय रणनीतिक वार्ता तथा विचार-विमर्श और आगे बढ़ाने पर सहमत हुए. भारत ने विभिन्न उत्पाद लेकर आने-जानेवाले अफगान ट्रकों के लिए अटारी पर एकीकृत चेकपोस्ट की खातिर तैयार होने की बात फिर दोहरायी. इसके पहले सुबह राष्ट्रपति गनी ने अपने भारतीय समकक्ष रामनाथ कोविंद तथा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की.

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