नयी दिल्ली : सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के लिए वार्ताकार की नियुक्ति से राज्य में सेना के अभियान प्रभावित नहीं होंगे. सरकार कश्मीर पर बात करते हुए मजबूत स्थिति में है. आगे उन्होंने कहा कि देश की पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं पर कड़ी निगाहें बनाये रखने के लिए अब खुफिया प्रणाली को बेहतर करने और निगरानी रखने की जरूरत है.
रावत ने बताया कि हम इलेक्ट्रिक वारफेयर सिस्टम बनाने की कोशिश में लगे हुए हैं. इससे न सिर्फ सीमा, बल्कि आंतरिक इलाकों की भी सुरक्षा हो सकेगी. हालांकि सेना प्रमुख ने दूरदराज के इलाकों की सुरक्षा को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि दूरदराज के इलाकों में प्रतिष्ठानों की सुरक्षा चिंता का कारण बन रही है. ऐसी रिपोर्ट भी मिल रही है कि उरी जैसे हमले को आतंकी फिर से अंजाम देने का मन बना रहे हैं. इसलिए हम ज्यादा अलर्ट हो गये हैं.
आपको बता दें कि बिपिन रावत ने इससे पहले कहा था कि अगर जरूरत पड़ी और सीमा पार से आतंकवाद पर लगाम नहीं लगी, तो सर्जिकल स्ट्राइक फिर से किया जा सकता है. गौरतलब है कि घाटी में आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने और आतंकियों को पकड़ने के उद्देश्य से सुरक्षाबलों ने बुधवार को सुबह शोपियां जिले में घेराबंदी और सर्च ऑपरेशन शुरू किया. इस दौरान सुरक्षाबलों ने लगभग 13 गांवों की घेराबंदी कर सर्च ऑपरेशन चलाया.
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इस अभियान में राज्य पुलिस के विशेष अभियान दल के जवानों के अलावा सेना की 62 आरआर, 44 आरआर, 1 आरआर और सीआरपीएफ की 14वीं वाहिनी के जवानों ने भी हअम भूमिका निभायी. शोपियां के सुगन, हेफ, श्रीमाल,नागबल, बारबुग, चित्रीगाम, तुरकवांगन, मलडूरा, केशयु, कडगम, नुले पोशवारी की घेराबंदी करते हुए तलाशी अभियान चलाया गया.