मेहसाणा (गुजरात) : विशनगर सत्र अदालत ने पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल के खिलाफ जारी गैर-जमानती वारंट को आज रद्द कर दिया. पटेल ने गुरुवार को अदालत में पेश होकर भविष्य में सभी सुनवाई में उपस्थित रहने का आश्वासन दिया, जिसके बाद न्यायाधीश ने उक्त फैसला किया.
सत्र न्यायाधीश वी. पी. अग्रवाल ने आरक्षण आंदोलन के दौरान 2015 में भाजपा विधायक के कार्यालय में तोड़फोड़ करने के मामले में पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के संयोजक हार्दिक पटेल और सरदार पटेल ग्रुप के संयोजक लालजी पटेल तथा पांच अन्य के खिलाफ वारंट जारी किये थे.
हार्दिक पटेल लगातार दूसरी बार जबकि लालजी पटेल सहित अन्य पहली बार सुनवाई के दौरान अनुपस्थित थे, इसलिए उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया. हालांकि, आज हार्दिक पटेल और अन्य अदालत में पेश हुए और भविष्य में सभी सुनवाई के दौरान उपस्थित रहने का आश्वास दिया. जिसके बाद उनके खिलाफ जारी वारंट रद्द कर दिया गया. प्रत्येक ने पांच-पांच हजार रुपये का मुचलका भी भरा.
अदालत ने मामले की अगली सुनवायी के लिए 15 नवंबर की तारीख तय की है. हार्दिक पटेल और अन्य लोगों पर आरोप है कि पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर 2015 में हुए आंदोलन के दौरान उन्होंने विशनगर से विधायक ऋृषिकेश पटेल के कार्यालय में तोड़फोड़ की थी.