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सरकार समाज की सेवा जरूर कर सकती है, लेकिन परिवर्तन नहीं ला सकती : संघ प्रमुख

इंदौर : विकास के लिए हरदम सरकार का मुंह ताकने के बजाय नागरिकों के खुद कदम उठाने की अपील करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आज यहां कहा कि सकारात्मक बदलावों के लिये पूरे समाज को तैयार किये जाने की जरुरत है. भागवत ने स्थानीय महाविद्यालयों में पढने वाले संघ स्वयंसेवकों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 28, 2017 12:16 PM

इंदौर : विकास के लिए हरदम सरकार का मुंह ताकने के बजाय नागरिकों के खुद कदम उठाने की अपील करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आज यहां कहा कि सकारात्मक बदलावों के लिये पूरे समाज को तैयार किये जाने की जरुरत है. भागवत ने स्थानीय महाविद्यालयों में पढने वाले संघ स्वयंसेवकों के कार्यक्रम में कहा, देश को बड़ा बनाना किसी अकेले नेता, नीति, पार्टी, अवतार और सरकार के अपने बूते का काम नहीं है.

यह परिवर्तन का मामला है और हमें इसके लिये पूरे समाज को तैयार करना होगा. उन्होंने कहा, पुराने जमाने में लोग विकास के लिए भगवान की ओर देखते थे. लेकिन कलयुग में लोग विकास के मामले में सरकार को देखते हैं. लेकिन वास्तव में कोई भी सरकार उतनी ही चलती है, जितनी समाज की दौड़ होती है. संघ प्रमुख ने जोर देकर कहा, समाज सरकार का बाप है. सरकार समाज की सेवा जरुर कर सकती है. लेकिन समाज में परिवर्तन नहीं ला सकती. समाज जब खुद में परिवर्तन लाता है, तो यही परिवर्तन सरकार और व्यवस्थाओं में प्रतिबिंबित होता है.

उन्होंने कहा कि देश को परमवैभव संपन्न और विश्व गुर बनाने के लिए समाज के आचरण और नजरिये में बदलाव लाना होगा. किसी भी आधार पर भेद-भाव का विचार दिल से निकाल देना पडेगा और निजी स्वार्थों का त्याग करना होगा. संघ प्रमुख ने कहा कि तमाम विविधताओं के बावजूद देश में एकता की प्राचीन संस्कृति बरकरार है, जो सभी मनुष्यों को अपना परिवार मानती है. उन्होंने कहा, जर्मनी किन लोगों का देश है..जर्मन लोगों का देश है. ब्रिटेन ब्रितानियों का देश है. अमेरिका अमेरिकियों का देश है. इसी तरह हिंदुस्तान हिंदुओं का देश है. इसका मतलब यह कतई नहीं है कि हिंदुस्तान दूसरे लोगों का देश नहीं है. भागवत ने कहा, हिंदू की परिभाषा में वे सब लोग आते हैं जो भारत माता के पुत्र हैं, भारतीय पूर्वजों के वंशज हैं और भारतीय संस्कृति के मुताबिक चलते हैं.

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