नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ऑल इंडिया रेडियो पर 37वीं बार ‘मन की बात’ की. 30 मिनट के ‘मन की बात’ में पीएम ने कई विषयों का जिक्र किया. इसमें छठ पर्व की महिमा से लेकर खादी और सरदार पटेल, इंदिरा गांधी से लेकर गुरु नानककी समाज और देश को योगदान के बारे में चर्चा शामिल है.प्रधानमंत्री नेजवानों के साथ दिवाली मनाने के अपने अनुभवसाझा किये, तो फीफा अंडर-17 फुटबॉल वर्ल्ड कप के दौरान देश के लोगों की खेल भावना का भी जिक्र किया. एशिया कपजीतने वाली हॉकी टीम और किदाम्बी श्रीकांत की खिताबी जीत के लिए खिलाड़ियों को बधाई भी दी. इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि का भी प्रधानमंत्री ने जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 31 अक्तूबर को इंदिरा गांधी यह दुनिया छोड़कर चली गयीं थीं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतने हमेशा से विश्व शांति की बात की है. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न अभियानों में भारत की हिस्सेदारी है.संयुक्त राष्ट्र के शांति मिशन में भारत तीसरा सबसे बड़ा साझीदार है. भारत नेही सबसे पहले लाईबेरिया मेंमहिलाओं को भेजा था.मोदी ने कहा कि भारत की सेना अलग-अलग देशों के लोगों की सुरक्षा में अपनी भूमिका निभा रहे हैं. भारत ने हमेशा शांति का संदेश दिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 37वें ‘मन की बात’ में रविवार को कहा कि दुनिया सिर्फ उगते सूर्य को नमस्कार करती है, लेकिन आस्था के महापर्व छठ में उनको भी पूजने का संदेश दिया जाता है, जिनका डूबना निश्चित है. मोदी ने अपने नियमित रेडियो कार्यक्रम में कहा कि दीपावली के छह दिन बाद मनाया जाने वाला महापर्व छठ काफी नियम, निष्ठा से मनाये जाने वाले त्योहारों में शामिल है. इसमें खान-पान से लेकर वेश भूषा तक सबमें पारंपरिक नियमों का पालन किया जाता है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस महापर्व के केंद्र में सूर्य और जल हैं. वहीं, पूजन विधि से जुड़ी अन्य सामग्रियां बांस और मिट्टी के बने बर्तन आदि हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे जीवन में स्वच्छता के महत्व की अभिव्यक्ति भी इस त्योहार में समायी हुई है. छठ से पहले पूरे घर की सफाई, साथ ही नदी, तालाब, पोखर के किनारे, पूजा-स्थल यानि घाटों की भी सफाई, पूरे जोश से सब लोग मिल करके करते हैं. सूर्य वंदना या छठ-पूजा – पर्यावरण संरक्षण, रोग निवारण व अनुशासन का पर्व है.
उन्होंने कहा कि आमतौर पर लोग कुछ मांगकर लेने को हीन-भाव से देखते हैं. लेकिन छठ-पूजा में सुबह के अर्घ के बाद प्रसाद मांगकर खाने की एक विशेष परंपरा रही है. प्रसाद मांगने की इस परंपरा के पीछे यह मान्यता भी बतायी जाती है कि इससे अहंकार नष्ट होता है. एक ऐसी भावना, जो व्यक्ति की प्रगति की राह में बाधक बन जाती है. भारत की इस महान परंपरा के प्रति हर किसी को गर्व होना बहुत स्वाभाविक है.
सरदार पटेल ने जरूरत के मुताबिक मान-मनौव्वल भी की और बल प्रयोग भी : प्रधानमंत्री ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने आधुनिक अखंड भारत की नींव रखी. इसके लिए उन्होंने जरूरत के अनुसार, मान मनौव्वल तथा बल प्रयोग किया एवं जटिल समस्याओं का व्यावहारिक हल निकाला. उन्होंने कहा कि देश की इस महान संतान की असाधारण यात्रा से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं. मोदी ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल में विचारों को साकार करने में महारत हासिल थी. उनकी निर्णय क्षमता ने उन्हें सारी बाधाएं पार करने की सामर्थ्य दी. मोदी के मुताबिक, सरदार पटेल ने कहा था जाति और पंथ का कोई भेद हमें रोक न सके, सभी भारत के बेटे और बेटियां हैं, हम सभी को अपने देश से प्यार करना चाहिए और पारस्परिक प्रेम तथा सद्भावना पर अपनी नियति का निर्माण करना चाहिए. सरदार पटेल का यह कथन आज भी हमारे नये भारत के दृष्टिकोण के लिए प्रेरक है, प्रासंगिक हैं और यही कारण है कि उनका जन्मदिन राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है.
हॉकी, बैडमिंटन में जीत के लिए खिलाड़ियों को बधाई : एशिया कप में भारतीय हॉकी टीम और डेनमार्क ओपन में किदाम्बी श्रीकांत की जीत पर उन्हें बधाई देते हुए प्रधानमंत्री ने देश में फीफा आयोजन के बाद फुटबॉल के भविष्य को उज्ज्वल बताया. मोदी ने कहा, ‘पूरी टीम और स्पोर्ट स्टाफ को मेरी तरफ से, देशवासियों की तरफ से बहुत-बहुत शुभकामनाएं.’ डेनमार्क ओपन का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बैडमिंटन स्टार किदाम्बी श्रीकांत ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए डेनमार्क ओपन का खिताब जीतकर हर भारतीय को गौरव से भर दिया है. उन्होंने कहा कि इंडोनेशिया ओपन और ऑस्ट्रेलिया ओपन के बाद यह उनका तीसरा सुपर सीरीज प्रीमियर खिताब है. मैं, हमारे युवा साथी को उनकी इस उपलब्धि के लिए और भारत के गौरव को बढ़ाने के लिए बहुत-बहुत बधाई देताहूं.’
खादी की बिक्री में इस वर्ष हुई करीब 90 प्रतिशत वृद्धि : दिवाली और धनतेरस के अवसर पर दिल्ली के खादी ग्रामोद्योग भवन में हुई रिकॉर्ड बिक्री का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि खादी और हैंडलूम गरीब से गरीब व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाते हुए उन्हें सशक्त बनाने का शक्तिशाली साधन बनकर उभर रहे हैं. गांधी जयंती पर खादी और हैंडलूम को अपनाने की वकालत करते हुए मोदी ने कहा, ‘इस महीने 17 अक्तूबर को धनतेरस के दिन दिल्ली के खादी ग्रामोद्योग भवन स्टोर में लगभग 1 करोड़ 20 लाख रुपये की रिकॉर्ड बिक्री हुई है. दिवाली के दौरान खादी गिफ्ट कूपन की बिक्री में करीब-करीब 680 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. खादी और हस्तशिल्प की कुल बिक्री में भी पिछले वर्ष से, इस वर्ष करीब-करीब 90 प्रतिशत वृद्धि देखने को मिली है. मोदी ने कहा, ‘आज युवा, बड़े-बूढ़े, महिलाएं, हर आयु वर्ग के लोग खादी और हैंडलूम पसंद कर रहे हैं. मैं कल्पना कर सकताहूं कि इससे कितने बुनकर परिवारों को, गरीब परिवारों को, हथकरघा पर काम करने वाले परिवारों को, कितना लाभ मिला होगा.’ उन्होंने कहा कि पहले खादी, खादी फॉर नेशन था और हमने खादी फॉर फैशन की बात कही थी, लेकिन अनुभव के आधार पर मैं कह सकता हूं कि अब, खादी फॉर ट्रांसफॉर्मेशन का दौर है. अपने कार्यक्रम में मन की बात की प्रशंसा और आलोचना दोनों होने की बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैं मन की बात के प्रभाव की ओर देखताहूं, तो मेरा विश्वास दृढ़ हो जाता है कि इस देश के जनमानस के साथ मन की बात शत-प्रतिशत अटूट रिश्ते से बंध चुकी है.’
गुरु नानक देव ने पूरी मानवता के कल्याण के बारे में सोचा : आगामी चार नवंबर को मनायी जाने वाली गुरु नानक जयंती से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गुरु नानक देव जी, सिक्खों के पहले गुरू ही नहीं, बल्कि जगत-गुरू हैं, जिन्होंने पूरी मानवता के कल्याण के बारे में सोचने के साथ साथ सभी जातियों को एक समान बताया. महिला सशक्तिकरण एवं नारी सम्मान पर जोर दिया था. प्रधानमंत्री ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने पैदल ही 28 हजार किलोमीटर की यात्रा की और इस दौरान सच्ची मानवता का संदेश दिया. उन्होंने लोगों से संवाद किया, उन्हें सच्चाई, त्याग और कर्म-निष्ठा का मार्ग दिखाया. मोदी ने कहा कि गुरु नानक ने लंगर चलाया, जिससे लोगों में सेवा-भावना पैदा हुई. इकट्ठे बैठकर लंगर ग्रहण करने से लोगों में एकता और समानता का भाव जागृत हुआ. उन्होंने कहा कि वर्ष 2019 में हम गुरु नानक देव जी का 550 वां प्रकाश वर्ष मनाने जा रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने बच्चों में बढ़ते मधुमेह के प्रकोपसे बचने के उपाय बताये : प्रधानमंत्री ने इस सवाल के जवाब में कहा कि बच्चों में मधुमेह रोग से वह चिंतित और हैरान हैं. उन्होंने कहा कि पहले मधुमेह को राजरोग कहा जाता था. यह बीमारी उन लोगों को होती थी, जो ऐश-ओ-आराम की जिंदगी जीते थे. लेकिन आज इस बीमारी को लाईफस्टाईल डिजॉर्डर कहा जाता है. समाज और परिवार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. छोटी-छोटी चीजों को नियमित रूप से अपनी आदत में शुमार कर लें, तो व्यवस्था बदल जायेगी. परिवार जन जागरूक हों. प्रयास करें कि बच्चे खुले मैदानों में खेलने की आदत बनायें. संभव हो, तो बड़े लोग भी बच्चों के साथ खुले में खेलें. बच्चों में सीढ़ियां चढ़ने की आदत बनायें. डिनर के बाद पूरा परिवार वॉक करे. योग करें. विशेषकर युवाओं को लाईफ स्टाईल डिजॉर्डर को दूर करने में मदद करेगा. स्कूल से पहले 30 मिनट का योग हर बीमारी से दूर बचाता है. यह सहज है, सरल है और सर्वसुलभ है. आयुर्वेद और योग को जीवन का हिस्सा बनायें.
-सिस्टर निवेदिता की 150वीं जयंती है कल (30 अक्तूबर को). गरीबों की सेवा के लिए समर्पित किया. भगिनी निवेदिता ने भारत में राष्ट्रीय चेतना जगाने का काम किया. सनातन धर्म के कार्यों का प्रचार और प्रसार किया.
-सुब्रमण्यम भारती और उनके कार्यों का भी जिक्र किया. उनकी प्रेरणा भगिनी निवेदिता थीं.
-जगदीश चंद्र बोस के रिसर्च एवं प्रकाशन में योगदान दिया.
-कोलकाता में भयानक प्लेग फैला, तोसिस्टर निवेदिता ने नालियोंकी सफाई में जुट गयीं. लोगों ने भी उनका साथ दिया,जिसकी वजह से प्लेग का प्रकोप शीघ्र समाप्त हो गया.
-एक नागरिक ने पूछा कि 14 नवंबर को देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की जयंती पर विश्व डायबिटीज दिवस भी है. बच्चों में हो रही है डायबिटीज की बीमारी. इस दिशा में सरकार क्या कर रही है?