हम रहे या न रहे इस देश को बर्बाद होने नहीं देंगे, हमने अपने लिए जीना नहीं सीखा : पीएम मोदी
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक दिवसीय कर्नाटक दौरे पर हैं. मेंगलुरू से हेलीकॉप्टर के जरिये प्रधानमंत्री दक्षिण कन्नड़ के धर्मस्थल पहुंचे, जहां उन्होंने भगवान शिव के मंजूनाथेश्वर मंदिर जाकर पूजा अर्चना किया. प्रधानमंत्री ने उजीर में जनसभा को भी संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा. कांग्रेस […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
October 29, 2017 1:19 PM
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज एक दिवसीय कर्नाटक दौरे पर हैं. मेंगलुरू से हेलीकॉप्टर के जरिये प्रधानमंत्री दक्षिण कन्नड़ के धर्मस्थल पहुंचे, जहां उन्होंने भगवान शिव के मंजूनाथेश्वर मंदिर जाकर पूजा अर्चना किया. प्रधानमंत्री ने उजीर में जनसभा को भी संबोधित किया.
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधा. कांग्रेस पार्टी पर हमला बोलते हुए पीएम ने कहा कि कौन सा पंजा है जो रुपये को घिसता है और घिसते-घिसते 15 पैसे बना देता है. हमने तय किया है कि 1 रुपया निकलेगा तो गरीब को 100 पैसे पहुंचेगा.हम रहे या न रहे इस देश को बर्बाद होने नहीं देंगे, हमने अपने लिए जीना नहीं सीखा है .भारत सरकार ने अबतक 57 हजार करोड़ रुपया जो गैरकानूनी लोगों के हाथ में चला जाता था, वह सही लोगों के हाथ में जा रहा है.जिनकी जेब में हर साल 50-60 करोड़ जाता था वे मोदी को पसंद करेंगे क्या.
पीएम मोदी ने धर्मस्थल के धर्माधिकारी ( ट्रस्टी) वीरेंद्र हेगड़े की तारीफ की. उजीर में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, पिछले सप्ताह मैं केदारनाथ गया था. आदि शंकराचार्य जी ने कितनी बड़ी भव्य साधना की होगी आज मुझे फिर एक बार दक्षिण की तरफ मंजुनाथेश्वर के शरण में आने का मौका मिला. मैं नहीं मानता हूं कि नरेन्द्र मोदी नाम के किसी शख्स को डॉक्टर वीरेन्द्र हेगड़े के सम्मान में कोई बात कहने का हक है. उन्होंने ‘वन लाइफ, वन मिशन’ में अपने आप को समर्पित किया. उनका सम्मान करने के लिए मैं व्यक्ति के तौर पर बहुत छोटा हूं. यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे आज धर्मस्थल आकर आपके दर्शन करने का सौभाग्य मिला. आज मुझे एक बार फिर दक्षिण के तरफ मंजू के चरणों में आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ.
सवा सौ करो़ड़ देशवासियों के प्रतिनिधि के रूप में जिस पद पर मुझे बैठाया गया है. उस पद की गरिमा के लिए आचार – विचार , मन – कर्म – वचन में एकसूत्रता लाने की कोशिश करता हूं. उस लक्ष्य की प्राप्ति स्व के लिए नहीं बल्कि वयम के लिए करता हूं. हर कदम को कसौटी में कसना चाहता है. मैं आदरपूर्वक आपको अभिनंदन करता हूं. मुझे सम्मान करने का सौभाग्य मिला है. हेगड़े जी को जितने बार मिला हैं, चेहरे पर मुस्कुराहट नजर आती है. जैसे गीता में कहा है निष्काम योग. यह उनके जीवन यात्रा से भी पता चलता है.
मैं जब हेगड़े जी को सम्मानित कर रहा था , तो उन्होंने कहा – पचास साल पूरे हो रहे इसका सम्मान नहीं है बल्कि आगे पचास साल तक सेवा करूं यह गारंटी मुझे चाहिए. उन्होंने अनंत हेगड़े के काम -काज की प्रशंसा करते हुए बताया कि चाहे विषय योग शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास का हो, डा वीरेन्द्र हेगड़े ने अपने चिंतन के द्वारा , कौशल के द्वारा आगे बढ़ाया है. कई राज्यों में और देश भर में स्किल डेवलेपमेंट के जितने काम चल रहे. उसके बहुत सारे मॉडल डॉक्टर वीरेंद्र हेगड़े जी के काम से प्रेरित है.
भारत जैसे देश में जब सबसे ज्यादा युवा हैं. उस देश में स्किल डेवलेपमेंट हैं – पेटपूजा के लिए नहीं बल्कि हुनर को प्राप्त करने के लिए है. ये चीज डॉ. वीरेन्द्र हेगड़े ने बहुत पहले ही करना शुरू कर दिया था. हमारे यहां तीर्थ क्षेत्र कैसे होने चाहिए, संप्रदाय – परंपराएं का लक्ष्य क्या होना चाहिए. उस विषय में जितना अध्ययन होना चाहिए. दुर्भाग्य से उतना नहीं हो पाया है.देश में जितने मैनेजमेंट संस्थान चलते हैं, तो उसकी रैंकिग होती है. मैं दुनिया की बड़ी – बड़ी सर्वे एजेंसी व मैगजीन को निमंत्रण देता हूं. धार्मिक – सामाजिक संस्थानों का भी सर्वे करें.
सदियों से हमारी ऋषि – मुनि परंपरा ने संस्थाओं को बनाया है. पीढ़ी – दर – पीढ़ी कैसे काम को बढ़ाया है. युगानुकुल परिवर्तन कैसे लाया हैं. समय के साथ कैसे जीवंत रखा जाये. हिन्दुस्तान में ऐसे हजारों संस्थाएं है , जो कोटि – कोटि लोगों को प्रेरणा देते हैं. कई धर्मस्थलों ने 800 साल की परंपरा को निभाया है. यह अपने आप में उदाहरण है.
सदियों से चली स्वस्थ परंपरा पर गर्व करनी चाहिए. मुझे विश्वास है कि सिर्फ आस्था ही नहीं बल्कि उसकी वैज्ञानिक पक्ष को देखा जाये. जिन लोगों ने संसद में नवंबर का भाषण सुना होगा. उन्हें इस बात के बारे में पता चलता होगा कि हमारे नेता सदन में कैसी – कैसी बातें बोलते हैं. हिन्दुस्तान में अशिक्षा है, गरीबी है, डिजिटल ट्रांजेक्शन कैसे होगा ?. आज डॉ वीरेन्द्र हेगड़े ने सदन में उठी उन आवाजों को जवाब दे दिया. गांव में रहने वाली माताएं – बहनें लोगों ने संकल्प लिया है कि वो स्वयंसेवी समूह डिजिटल ट्रांजेक्शन करेगी. इनकी संख्या 12 लाख है. लैस कैश सोसाइटी उस तरफ ले जाने का स्पर्श किया है. जिनपर सरकार बैंकिंग सिस्टम पहुंचने में जाने कितने दशक लग जाते हैं. मैं उन बहनों को भी बधाई देता हूं.