नयी दिल्ली : भारत और इटली ने आज आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद के सभी प्रकारों से निपटने का संकल्प लिया और आतंकवाद की समस्या पर ध्यान देने के लिए अंतरराष्ट्रीय साझेदारी तथा समन्वित कार्रवाई को मजबूत करने की पुरजोर वकालत की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इटली के प्रधानमंत्री पाओलो जेंटिलोनी ने सोमवार को व्यापक बातचीत की और आतंकवाद से मुकाबले की मौजूदा अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के प्रभावी क्रियान्वयन की जरुरत बतायी.
इसमें संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आतंकवाद निरोधक रणनीति, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के आतंकवाद से संबंधित प्रस्ताव और पाबंदियां शामिल हैं. वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया, इस संदर्भ में नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों का भी आह्वान किया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों के अनुरुप आतंकवादी संगठनों के नाम घोषित किये जाएं.
यह बयान इस तरह के संकेतों के बीच आया है कि चीन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना और पठानकोट हमले के साजिशकर्ता मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित कराने के प्रयासों को फिर से संयुक्त राष्ट्र में बाधित करेगा. अजहर मामले पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि संबंधित देश द्वारा सूचीबद्ध आवेदन के लिहाज से असहमतियां हैं.
मोदी और जेंटिलोनी ने भारत, यूरोप और दुनियाभर में और कहीं भी हाल ही में हुए आतंकी हमलों की पुरजोर तरीके से निंदा की और आतंकवाद की समस्या से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय साझेदारी तथा अंतरराष्ट्रीय समुदाय की समन्वित कार्वाई को मजबूत करने की जरुरत बतायी.
भारतीय प्रधानमंत्री ने जेंटिलोनी के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता में कहा, द्विपक्षीय मुद्दों के साथ हमने क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया. आज की दुनिया में हमारे सामने हर रोज नयी चुनौतियां और खतरे हैं. हमने दुनिया के सामने उभरती कुछ सुरक्षा संबंधी चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा की.