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सरदार को याद करते हुए बोले उपराष्ट्रपति, पहले यह मिशन था और अब कुछ लोगों के लिए कमीशन का जरिया बना

नयी दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल का एक महान योगदान भारतीय प्रशासनिक सेवा का सृजन करना था जो कभी एक मिशन था और आज यह कुछ लोगों के लिये कमिशन बन गया है. नेहरु स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय में देश के पहले गृह मंत्री पटेल की […]

नयी दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल का एक महान योगदान भारतीय प्रशासनिक सेवा का सृजन करना था जो कभी एक मिशन था और आज यह कुछ लोगों के लिये कमिशन बन गया है. नेहरु स्मारक संग्रहालय एवं पुस्तकालय में देश के पहले गृह मंत्री पटेल की 142वीं जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए वेंकैया ने कहा कि सरदार पटेल के अनेक योगदान और शिक्षा को नजरअंदाज कर दिया गया है और कुछ को मान्यता नहीं मिली है.

राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कहा, देश को एकता के सूत्र में बांधने की उनकी सोच का परिणाम ही अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा का सृजन था जिसे उन्होंने फौलादी ढांचा करार दिया था. यह देश के लिए सरदार पटेल का महान योगदानों में से एक था. वेंकैया ने कहा कि सरदार पटेल ने पर्यवेक्षाधीन अधिकारियों से सर्वोच्च स्तर का निष्पक्षता बरतने और भ्रष्टाचार से मुक्त रहने पर जोर दिया था और यह कल भी उतना ही प्रासंगिक था जितना आज है.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि पहले यह मिशन था और अब यह कुछ लोगों के लिये कमिशन का जरिया बन गया है. वेंकैया नायडू गांधीवादी राष्ट्रवादी का निर्माण : सरदार पटेल का जीवन एवं समय पर एक प्रदर्शर्नी का उद्घाटन कर रहे थे . उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद कृषि को पूरी तरह से नजरंदाज कर दिया गया जबकि पटेल का मानना था कि यह देश की बुनियादी संस्कृति का हिस्सा है. उपराष्ट्रपति ने कहा कि कृषि और उद्योग हमारी आंखों जैसे हैं और दोनों पर समान रुप से ध्यान दिये जाने की जरुरत है. लेकिन कृषि के साथ अनुचित व्यवहार किया गया.
उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा भारत का महत्वपूर्ण आयाम है और यह तब ज्यादा महत्वपूर्ण हो गया है जब देश की आबादी 130 करोड हो गई है. ऐसे में कृषि को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. वेंकैया ने कहा कि लोग खेती छोड रहे है. डाक्टर चाहता है कि उसका बेटा डाक्टर बने, शिक्षक चाहता है कि उसका बेटा शिक्षक बने, कारोबारी चाहता है कि उसका बेटा कारोबारी बने, अभिनेता चाहता है कि उसका बेटा अभिनेता बने… लेकिन कोई किसान नहीं चाहता है कि उसका बेटा किसान बने. यह इसिलये है क्योंकि खेती लाभकारी नहीं रह गई है.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार इस स्थिति को बदलना चाहती है और वह कृषि पर ज्यादा ध्यान दे रही है. उसका लक्ष्य है कि 2022 तक किसानों की आय को दुगुना किया जाए. उन्होंने इस बात पर खेद प्रकट किया कि पटेल के योगदान और कठिन समय में देश को एकता के सूत्र में बांधने की उनकी विरासत को उपयुक्त मान्यता नहीं दी गई. उन्होंने युवाओं से पटेल के जीवनवृत को समझने और उसे आत्मसात करने को कहा.

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