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रक्षा मंत्रालय ने नौसेना के लिए 21,738 करोड़ रुपये के हेलीकॉप्टर खरीद सौदे को दी मंजूरी

नयी दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने मंगलवारको भारतीय नौसेना के लिए 21,738 करोड़ रुपये में 111 हेलीकॉप्टर खरीद सौदे को मंजूरी दे दी. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में लंबे समय से लटके पड़े इस प्रस्ताव को मंजूरी […]

नयी दिल्ली : रक्षा मंत्रालय ने मंगलवारको भारतीय नौसेना के लिए 21,738 करोड़ रुपये में 111 हेलीकॉप्टर खरीद सौदे को मंजूरी दे दी. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में लंबे समय से लटके पड़े इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी. उन्होंने कहा कि 16 हेलीकॉप्टर तैयार स्थिति में ही खरीदे जायेंगे, जबकि शेष 95 हेलीकॉप्टरों का विनिर्माण एवं उत्पादन भारत में ही किया जायेगा.

यह सौदा रणनीतिक भागीदारी मॉडल के तहत होगा. सरकार अब किसी विदेशी हेलीकॉप्टर विनिर्माता कंपनी तथा उसके साथ संयुक्त उद्यम में शामिल होने के लिए एक भारतीय कंपनी की तलाश प्रक्रिया शुरू करेगी. सरकार ने इस मॉडल की शुरुआत मई में की थी. इस नये मॉडल के तहत यह पहला बड़ा सौदा होगा.

इससे पहले सेना ने बीते रविवार को अपने आधुनिकीकरण के लिए सबसे बड़ी खरीद योजनाओं में से एक को अंतिम रूप दिया था. इसके तहत बड़ी संख्या में हल्की मशीन गन, कार्बाइन और असॉल्ट राइफलों को करीब 40,000 करोड़ रुपये की लागत से खरीदा जा रहा है. नये हथियार पुराने और चलन से बाहर हो चुके हथियारों की जगह लेंगे. आधिकारिक सूत्रों ने बताया था कि करीब सात लाख राइफल, 44,000 लाइट मशीन गन (एलएमजी) और करीब 44,600 कार्बाइन की खरीद की विस्तृत प्रक्रिया को अंतिम रूप दे दिया गया है. खरीद प्रक्रिया पर आगे बढ़ने में रक्षा मंत्रालय और सेना मिलकर काम कर रहे हैं.

विश्व की दूसरी सबसे बड़ी थल सेना पाकिस्तान और चीन के साथ सीमा पर तनाव समेत बढ़ते सुरक्षा संबंधी खतरों के मद्देनजर विभिन्न हथियार प्रणालियों की जल्द से जल्द खरीदारी करना चाह रही है. खरीदारी प्रक्रिया शुरू करने के साथ ही सरकार ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) को यह संदेश भेजा है कि वह विभिन्न छोटे हथियारों खासकर हल्की मशीन गन पर अपने काम में तेजी लाये.

कुछ ही महीने पहले रक्षा मंत्रालय ने 7.62 कैलिबर के तोप की निविदा रद्द कर दी थी, क्योंकि कई फील्ड ट्रायल के बाद इसका इकलौता विक्रेता ही बचा था. योजना शुरुआत में करीब 10,000 एलएमजी की खरीद की है. सेना ने नयी 7.62 मिमी असॉल्ट राइफल की विशेषताओं को भी अंतिम रूप दे दिया है और ऐसी उम्मीद है कि खरीद संबंधी फैसला लेनेवाली रक्षा मंत्रालय की सर्वोच्च संस्था रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) बहुप्रतिक्षित खरीद को जल्द ही मंजूरी दे देगी.

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