वाड्रा को आवंटित भूखंड से राष्ट्रपति भवन को खतरा!

नयी दिल्ली:राष्ट्रपति भवन के समीप 22 एकड़ का भूखंड इनदिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. हाल ही में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने राष्ट्रपति को एक पत्र लिख कर रोबर्ट वॉड्रा के खिलाफ सीबीआइ व सीवीसी जांच की मांग की है. दावा किया है कि केवेंटर डेयरी लिमिटेड को आवंटित भूखंड के पुनर्वर्गीकरण (लैंड […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 19, 2014 7:24 AM

नयी दिल्ली:राष्ट्रपति भवन के समीप 22 एकड़ का भूखंड इनदिनों चर्चा का विषय बना हुआ है. हाल ही में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने राष्ट्रपति को एक पत्र लिख कर रोबर्ट वॉड्रा के खिलाफ सीबीआइ व सीवीसी जांच की मांग की है. दावा किया है कि केवेंटर डेयरी लिमिटेड को आवंटित भूखंड के पुनर्वर्गीकरण (लैंड यूज में बदलाव) में अनियमितता बरती गयी है. लिहाजा इसकी जांच सीबीआइ से करायी जाये. आरोप लगाया है कि इससे रियल इस्टेट कंपनी डीएलएफ को अनुचित लाभ मिल रहा है, जिसका संबंध रोबर्ट वॉड्रा से है.

स्वामी के अनुसार, राजनीतिक दबाव के कारण भूमि के इस्तेमाल में हुए बदलाव के निर्णय से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. भूखंड पर बहुमंजिला इमारत निर्माण का प्रस्ताव है. वहीं, एक अंगरेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक, सीबीआइ ने भूमि इस्तेमाल के बदलाव संबंधी निर्णय में किसी भी प्रकार के अनियमितता से इनकार किया है. इतना ही नहीं स्वामी का कहना है कि केवेंटर ने बाजार मूल्य से काफी कम कीमत पर भूखंड को डीएलएफ को बेचा है. 2012 में जब इस डेयरी भूमि को भवन निर्माण के लिए मंजूरी दी गयी थी, तो इसकी कीमत 65 करोड़ नहीं, बल्कि दस हजार करोड़ रुपये होनी चाहिए थी. 2012 में दिल्ली पुलिस ने प्रस्तावित इस आठ मंजिले इमारत को राष्ट्रपति भवन के लिए खतरनाक बताया था.

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