खिचड़ी बनाने वाले शेफ संजीव कपूर कैसे बने 1000 करोड़ रुपये के कारोबार का मालिक?

नयी दिल्ली : सालों से भारत के सबसे मशहूर शेफ संजीव कपूर एक बार फिर मीडिया के केंद्र में हैं. वे इस बार चर्चा में इसलिए हैं, क्योंकि उन्होंने दिल्ली के वर्ल्ड फूड फेस्ट में ऐतिहासिक खिचाड़ी बनायी है. इस खिचड़ी की चर्चा पिछले दो-तीन दिनों से पूरे देश में हो रही है. संजीव कपूर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2017 1:43 PM

नयी दिल्ली : सालों से भारत के सबसे मशहूर शेफ संजीव कपूर एक बार फिर मीडिया के केंद्र में हैं. वे इस बार चर्चा में इसलिए हैं, क्योंकि उन्होंने दिल्ली के वर्ल्ड फूड फेस्ट में ऐतिहासिक खिचाड़ी बनायी है. इस खिचड़ी की चर्चा पिछले दो-तीन दिनों से पूरे देश में हो रही है. संजीव कपूर के नेतृत्व में 50 खानसामों की टीम इस खिचड़ी को बनाने में लगी रही, जिसे अक्षर पात्र फाउंडेशन की मदद से बच्चों में वितरित किया जायेगा और योग गुरू बाबा रामदेव ने इसमें छौंक लगायी है. शेफ पिछले दो दिनों से विभिन्न न्यूज चैनलों पर इस खिचड़ी के बारे में बात करते हुए दिखते हैं और विनम्रता से खाना बनाने को लेकर अपना प्रेम जाहिर करते हैं. कह सकते हैं कि संजीव कपूर भारतीय खाने के वैश्विक ब्रांड एंबेसेडर बन गये हैं. संजीव कपूर की सफलता आंखें चौंधियाने वाली है. एक बैंकर का बेटा आखिर अपनी पाक कला की बदौलत कैसे 1000 करोड़ रुपये के कारोबार का मालिक बन गया है और दुनिया के कई देशों में इस व्यक्तिने कारोबार फैला लिया?

संजीव कपूर अपने परिवार की पहली पीढ़ी के कारोबारी हैं. वे एक बैंकर के बेटे हैं. उन्होंने इकोनॉमिक टाइम्स को दिये एक इंटरव्यू में कहा था – मैं एक बैंकर का बेटा हूं और हमार से पैसा उड़ाया नहीं जाता. संजीव कपूर की सफलता का दर्शन बहुत सामान्य है : सफलता का कोई गुप्ततरीका नहीं होता है, सिर्फ इस बात की जरूरत होती है कि आप काम को सामान्य तरीके से करते जायें. वे इसे अपने खाना बनाने के तरीके से समझाते हैं वे एक सामान्य प्रक्रिया के द्वारा ही डिस बनाते हैं. भले वह बेहद स्वादिष्ट व मशहूर हो जाये.

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सही मायने में संजीव कपूर की सफलता की कहानी 1992 में शुरू हुई, जब उनका खाना खजाना शो का टीवी पर प्रसारण शुरू हुआ. यह शो काफी लोकप्रिय हो गया. खाना खजाना शब्द इतना जमा कि देश के कई शहरों के चौक-चौराहों पर उन सालों में इस नाम से होटल खुल गये.

उन्होंने बाद में वंडरशेफ नाम सेकिचन अपलायेंसेस ब्रांड लाया, जो आज 400 करोड़ रुपये मूल्य का है. इसकी स्थापना उन्होंने 2009 में सोडेक्सो इंडिया के सह संस्थापक व पूर्व सीइओ रवि सक्सेना के साथ मिलकर की. वंडरशेफ से संजीव कपूर को यह समझ में आया कि खाना बनाना और खाना बनाने के सामान का कारोबार खड़ा करना अलग-अलग बात है. उनका एक रेस्टोरेंट चैन है, जिसका बाजार मूल्य 250 करोड़ रुपये के आसपास है. इस चेन के रेस्टोरेंट भारत, मध्यपूर्व, सिंगापुर में हैं. उनका फूड फूड टीवी चैनल व खाना बनाने से संबंधित पब्लिकेशन का काम है, जो करीब 300 करोड़ रुपये मूल्य का है.

संजीव कपूर कई ब्रांड काे इंडोर्स करते हैं, जिससे उन्हें अच्छी कमाई होती है. इसमें टाटा संपन्न स्पाइस, दावत राइस, स्लीक किचन, एयरटेल, सुगर फ्री, डिटॉल, रेनबो मिल्क और अल बकर आटा शामिल है. वे कुकरी शो भी करते हैं. ब्रांड इंडोर्समेंट और व कुकरी शो का उनका कारोबार 250 करोड़ रुपये मूल्य का है.

भारत के खाने के जायके को दुनिया भर में पहुंचाने वाले संजीव कपूर ने अब खिचाड़ी बना कर इतिहास रच दिया, जो भारत के हर गरीब व अमीरों का भी खाना है. इस खिचड़ी के साथ कई रिकार्ड बनने वाले हैं और संजीव कपूर हर मौके पर नया इतिहास रच रहे हैं.

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