नयी दिल्लीः कर से बचने के लिए कर पनाहगाह वाले देशों से संबंधित लीक हुए पैराडाइज दस्तावेजों में केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा का नाम आने पर उन्होंने कहा कि किसी भी निजी उद्देश्य से कोई लेन-देन नहीं किया गया. पैराडाइज दस्तावेजों की जांच पर आधारित रिपोर्ट के अनुसार, सिन्हा भारत में ओमिदयार नेटवर्क के प्रबंध निदेशक रहे हैं और ओमिदयार नेटवर्क ने अमेरिकी कंपनी डी लाइट डिजाइन में निवेश किया था. डी लाइट डिजाइन की केमैन द्वीप में अनुषंगी कंपनी है. सिन्हा ने सोमवार को ट्वीटों की एक सीरीज में कहा कि लेन-देन वैध और प्रमाणिक हैं.
सुबह के ट्वीट के बाद जयंत सिन्हा ने बाद में न्यूज एजेंसी एएनआइ से बात करते हुएभीसफाई दी. उन्होंने कहा कि मैंने अपने लिएनहीं कंपनी के लिए किया था, जब मैं राजनीति में भी नहीं था. उन्होंने कहा कि वे बिल्कुल प्रमाणिक व वैधानिक कार्य थे. इसमें संदेह का कोई कारण नहीं है.
Maine apne liye nahi, company ke liye kiya tha jab main rajneeti mein tha bhi nahi. Sabkuch disclose kiya gaya tha: Jayant Sinha pic.twitter.com/KLsgYNxxRu
— ANI (@ANI) November 6, 2017
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नागर विमानन राज्य मंत्री सिन्हा ने कहा कि मेरी जिम्मेदार भूमिका में यह लेन-देन दुनिया के प्रतिष्ठित संगठनों की ओर से किये गये और यह कार्य ओमिदयार नेटवर्क में सहयोगी और इसकी ओर से डी लाइट डिजाइन के निदेशक मंडल में नामित प्रतिनिधि के तौर पर किये गये. उन्होंने कहा कि यह गौर करने की बात है कि यह लेन-देन डी लाइट डिजाइन के लिए ओमिदयार के प्रतिनिधि के तौर पर किये गये, न कि किसी निजी उद्देश्य के लिए.
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गौरतलब है कि साल 2014 में झारखंड के हजारीबाग से लोकसभा सांसद बनने और नरेंद्र मोदी कैबिनेट में केद्रीय राज्य मंत्री बनने से पहले जयंत सिन्हा ओमिडयार नेटवर्क में मैनेजिंग डायरेक्टर के तौर पर काम करते थे. ओमिडयार नेटवर्क ने अमेरिकी कंपनी डी डॉट लाइट डिजाइन में निवेश कर रखा था. डी डॉट लाइट डिजाइन की एक शाखा केमैन आइलैंड में भी स्थित थी. विदेशी कानूनी सलाह देने वाली कंपनी एप्पलबी के दस्तावेज के अनुसार, जयंत सिन्हा ने डी डॉट लाइट डिजाइन के डायरेक्टर के तौर पर भी सेवाएं दी थीं, लेकिन अपने चुनावी हलफनामे में उन्होंने इसकी कोई जानकारी नहीं दी थी. जयंत सिन्हा ने न तो चुनाव आयोग को और न ही लोक सभा सचिवालय और न तो प्रधानमंत्री कार्यालय को इसकी जानकारी दी थी.
डी डॉट लाइट डिजाइन इंक की स्थापना साल 2006 मे अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में हुई थी और इसकी इसी नाम से एक शाखा केमैन आइलैंड में खुली थी. सिन्हा ओमिडयार नेटवर्क में सितंबर 2009 में जुड़े थे और दिसंबर 2013 में इस्तीफा दे दिया था. ओमिडयार नेटवर्क ने डी डॉट लाइट डिजाइन में निवेश किया था. डी डॉट लाइट ने अपनी केमैन आईलैंड स्थिति शाखा के माध्यम से नीदरलैंड के एक निवेशक से 30 लाख डॉलर (आज की दर से करीब 19 करोड़ रुपये) कर्ज हासिल किया था. एप्पलबी के दस्तावेज के अनुसार, इस कर्ज के लिए 31 दिसंबर 2012 को समझौता हुआ था. जब ये फैसले लिए गये, तो जयंत सिन्हा डी डॉट लाइट डिजाइन के डायरेक्टर थे.