काशी में केजरीवाल

।।मलंग।।जब से बनारस की सीट हाईप्रोफाईल हो गयी है तब से शहर में दुनिया भर के मीडिया वाले पहुंचने लगे हैं. मोदी के आने से बड़ा मामला है युगपुरु ष की पदवी को प्राप्त कर चुके अरविंद केजरीवाल की महाक्रांति का आगाज. जब से केजरीवाल ने भ्रष्टाचार से अपनी तोप का मुंह मोदी की तरफ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 20, 2014 9:05 AM

।।मलंग।।
जब से बनारस की सीट हाईप्रोफाईल हो गयी है तब से शहर में दुनिया भर के मीडिया वाले पहुंचने लगे हैं. मोदी के आने से बड़ा मामला है युगपुरु ष की पदवी को प्राप्त कर चुके अरविंद केजरीवाल की महाक्रांति का आगाज. जब से केजरीवाल ने भ्रष्टाचार से अपनी तोप का मुंह मोदी की तरफ मोड़ा है तब से वो खुद एक खास समूह के निशाने पर हैं लेकिन बंदा तो डरने वाला है नहीं जी.

केजरीवाल के बनारस आने पर शहर का माहौल और गरम हो गया. ये अलग बात है कि बनारस में उनका पहला दिन ही गाढ़े में फंस गया. तमाम लोग पूछ रहे हैं कि प्रत्याशी बनकर काशी आगमन पर उनको भैंसासुर घाट पर नहाने की राय किसने दे दी, परम्परा के अनुसार यह घाट मृत पशुओं के किरिया करम से सम्बंधित रहा है लेकिन इस घाट पर नहाने से जो दोष लगा उसको धुलने के लिए अरविंद भाई शहर के मुफ्ती से मिल लिए और मौलाना ने उनको अपना आशीर्वाद देते हुए पाक साफघोषित कर दिया और कहा की शहर को ऐसे लोगों की जरु रत है. ये केजरीवाल की राजनीति है जिसके बारे में वो कहते हैं की उनका मकसद एमपी-एमएलए बनना नहीं है, उनकी कोशिश तो है की सूरत बदलनी चाहिए.

गंगा नहा के टीका चन्नन मार के जब केजरीवाल जी बनारस में निकले थे तब अलग ही दृश्य था, कहीं कहीं फूल भी बरसाए गए तो फिर स्याही वाला काण्ड भी हुआ था. लेकिन जब शाम को बेनियाबाग रैली में केजरीवाल जी ने मौलाना वाली टोपी भी पहन ली थी तब ये जरुर लगा की ये बंदा जो कहता है वो करता है. इसने कहा की मेरी कोशिश है की ये सूरत बदलनी चाहिए तो वाकई क्रांतिकारी रहा मामला. एक्के दिन में गंगा नहाय के टोपी भी लगाय लिए गुरु. इतना क्रांतिकारी तो कोई भी बनारस में अब तक नहीं आया था. पूरे देश की मीडिया ने बताया कि अब मोदी को कड़ी चुनौती मिलने वाली है और उन तमाम लोगों ने राहत की सांस ली जिनको सपने में भी सुनाई पड़ता है की मोदी आने वाला है.

अभी फिर बनारस में केजरीवाल आ गए हैं, रु कने के लिए संकट मोचन का गेस्ट हाउस है, यानि बजरंग बलि की छाया में रु के हैं तो वहीं सामान पटक कर सीधे मौलाना लोगों से मिलने पहुंचे. बहुत ही क्रांतिकारी कदम है, तमाम लोग सदमें में हैं, नए ढंग की सियासत का दावा करने वाले बंदे ने इतनी जल्दी कितनी गणित सीख ली है. ऐसा भी कभी बनारस में नहीं हुआ कि संकट मोचन से सीधे कोई मौलाना के यहां तक पहुंच जाए. चूंकि अरविंद का उदय तमाम वादों के दम पर हुआ है, अलग बात है कि अब वो सबको एकसाथ खुलेआम चोर नहीं कहते लेकिन फिर भी गजब की टीआरपी खींच तो रहे ही हैं. वर्ना आप लोगों ने न जाने कितनी बार दिल्ली से ट्रेन पकड़ी होगी लेकिन जिस मीडिया को आप के लोग कई बार बिका हुआ बताते हैं वही मीडिया ट्रेन में सवार होते ही ब्रीफ करने लगी कि अब केजरीवाल दिल्ली से चल चुके हैं.

बनारस में भी उनकी एक-एक हरकत के बारे में देश को बताया जा रहा है. अच्छी बात है, आप लोग भी ध्यान लगाये रहिये, टीवी पर बता रहा है की अच्छे दिन आने वाले हैं लेकिन अरविंद जी कह रहे हैं की नहीं जी, ऐसी कोई बात नहीं है, हम उनके अच्छे दिन नहीं आने देंगे क्योंकि हम इतिहास बनाने वाले हैं. अब अधिक दिन नहीं है, नजर गड़ाए रहा जाय की किसके अच्छे दिन आने वाले है. कुल मिला कर देश को मसाला अच्छा मिल रहा है, खाली मोदी के आने से बनारस में वो बात नहीं होती जो अरविंद भाई के आने से हो गयी है, तमाम तमाशबीनों के अच्छे दिन तो अभी ही आगए हैं.

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