भारत ने स्वदेश निर्मित लंबी दूरी की क्रूज मिसाइल ”निर्भय” का किया परीक्षण

बालेश्वर (ओड़िशा) : भारत ने स्वदेश निर्मित और लंबी दूरी की सब-सॉनिक क्रूज मिसाइल निर्भय का मंगलवारको परीक्षण किया. यह मिसाइल 300 किलोग्राम तक के आयुध ले जाने में सक्षम है. ओड़िशा तट पर चांदीपुर से मिसाइल का परीक्षण किया गया. यह स्वदेश निर्मित मिसाइल प्रणाली का प्रयोग के तौर पर किया गया पांचवां परीक्षण […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 7, 2017 5:56 PM

बालेश्वर (ओड़िशा) : भारत ने स्वदेश निर्मित और लंबी दूरी की सब-सॉनिक क्रूज मिसाइल निर्भय का मंगलवारको परीक्षण किया. यह मिसाइल 300 किलोग्राम तक के आयुध ले जाने में सक्षम है. ओड़िशा तट पर चांदीपुर से मिसाइल का परीक्षण किया गया. यह स्वदेश निर्मित मिसाइल प्रणाली का प्रयोग के तौर पर किया गया पांचवां परीक्षण है. रक्षा वैज्ञानिकों को इस बार बिना किसी खामी के परीक्षण की उम्मीद है. मिसाइल के पहले किये गये चार परीक्षणों में से केवल 2013 में किया गया परीक्षण ही सफल रहा था.

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के सूत्रों ने बताया कि अत्याधुनिक क्रूज मिसाइल को यहां चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज (आईटीआर) के लॉन्च कॉम्प्लैक्स-3 से विशेष रूप से डिजाइन किये गये लॉन्चर से सुबह करीब 11 बज कर करीब 20 मिनट पर प्रक्षेपित किया गया. डीआरडीओ के एक वैज्ञानिक ने मिसाइल के प्रक्षेपण के तुरंत बाद कहा कि परीक्षण की सभी शुरुआती प्रक्रिया सफल रहीं. उन्होंने बताया कि विस्तृत आकलन के लिए ट्रैकिंग प्रणाली से डेटा हासिल किया जा रहा है. एडवांस्ड सिस्टम्स लैबोरेटरी (एएसएल) द्वारा विकसित ठोस रॉकेट मोटर बूस्टर से संचालित इस मिसाइल की परिचालनगत रेंज 1000 किलोमीटर तक है. सूत्रों ने बताया कि यह मिसाइल छह मीटर लंबी, 0.52 मीटर चौड़ी और इसके पंख 2.7 मीटर तक फैले हैं. यह 200 से 300 किग्रा. तक के आयुध ले जा सकती है.

निर्भय का पहला परीक्षण 12 मार्च 2013 को किया गया था और उस समय मिसाइल के एक हिस्से में खराबी आने के कारण उसने बीच रास्ते में ही काम करना बंद कर दिया था. दूसरा परीक्षण 17 अक्तूबर 2014 को किया गया जो सफल रहा था. 16 अक्तूबर 2015 को किये गये अगले परीक्षण में मिसाइल 128 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद अपने रास्ते से भटक गयी थी. मिसाइल का आखिरी परीक्षण 21 दिसंबर 2016 को किया गया और उस समय भी यह निर्धारित रास्ते से भटक गयी थी. ये सभी परीक्षण चांदीपुर से किये गये.

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