शिमला: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए कल मतदान होगा. राज्य के सभी 68 निर्वाचन क्षेत्रों में पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला है. मैदान में 62 विधायकों सहित 337 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, 10 मंत्री, आठ मुख्य संसदीय सचिव, विधानसभा के उपाध्यक्ष जगत सिंह नेगी, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल और एक दर्जन से ज्यादा पूर्व मंत्री समेत अन्य चुनावी मुकाबले में हैं. मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सत्तारूढ़ कांग्रेस और पूर्व मुख्यमंत्री धूमल की अगुवाई में भाजपा सभी 68 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. भले ही राज्य में अपनी-अपनी पार्टियों के चेहरे वीरभद्र व धूमल हों, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर इसे नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के बीच के मुकाबले के तौर पर देख जा रहा है. पूरे चुनाव अभियान में जहां मोदी-शाह वीरभद्र सरकार को जमानती सरकार बता कर हावी रहे, वहीं राहुल गांधी ने बेरोजगारी, नोटबंदी व जीएसटी के मुद्दे पर मोदी को घेरने की कोशिश की.
कौन कितनी सीट पर
कांग्रेस व भाजपा सभी 62 सीटों पर चुनाव लड़ रही है
बसपा 42 सीटों पर लड़ रही है
माकपा 14 सीटों पर लड़ रही है
स्वाभिमान पार्टी छह सीटों पर लड़ रही है
लोक गंठबंधन पार्टी भी छह सीटों पर लड़ रही है
12 दिन चला प्रचार, 450 से ज्यादा रैलियां
मंगलवारको समाप्त हुए 12 दिवसीय सघन प्रचार अभियान में भाजपा और कांग्रेस के स्टार प्रचारकों ने 450 से ज्यादा रैलियां कीं. भाजपा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा प्रमुख अमित शाह ने क्रमश: सात और छह रैलियों को संबोधित किया. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने तीन रैलियों को संबोधित किया.
भाजपा के लिए भ्रष्टाचार और कांग्रेस के लिए जीएसटी-नोटबंदी बड़े मुद्दे
भ्रष्टाचार को मुख्य मुद्दा बनाकर प्रचार अभियान में भाजपा ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर जमकर निशाना साधा जबकि कांग्रेस ने जीएसटी और नोटबंदी को लेकर कांग्रेस पर प्रहार किया. झंडुता में सबसे कम उम्मीदवार हैं जहां सीधा मुकाबला है. वहीं धर्मशाला में सबसे ज्यादा 12 उम्मीदवार मैदान में हैं.
ये हैं बड़े चेहरे
भाजपा ने पूर्व मंत्री अनिल शर्मा सहित चार पूर्व कांग्रेसियों को तथा चौपाल से एक निर्दलीय को टिकट दिया है जबकि कांग्रेस ने पोंटा साहिब और कांगडा से दो निर्दलीय को उतारा है. अनिल शर्मा मंडी सदर से चुनाव लड़ रहे हैं, जहां उनका मुकाबला चंपा ठाकुर से है, जो कौल सिंह ठाकुर की बेटी हैं. कौल सिंह ठाकर राज्य के प्रभावी नेता हैं और अभी स्वास्थ्य मंत्री हैं. अनिल शर्मा चर्चित नेता व पूर्व संचार मंत्री सुखराम के बेटे हैं.
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और पूर्व मुख्यमंत्री धूमल दोनों अपनी सीट बदल चुके हैं और क्रमश: अरकी तथा सुजानपुर से लड़ रहे हैं. वहीं, वीरभद्र के 53 वर्षीय बेटे विक्रमादित्य सिंह शिमला ग्रामीण से लड़ रहे हैं, जहां उनका मुकाबला भाजपा के प्रमोद शर्मा से है. वीरभद्र ने अपने बेटे की जीत पक्की करने के लिए यह सीट उनके लिए छोड़ दी. वे निवर्तमान विधानसभा में यहीं से विधायक हैं.
यह है वर्तमान परिदृश्य
वर्तमान में राज्य की 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस और भाजपा के क्रमश: 35 और 28 विधायकों के साथ चार निर्दलीय हैं और एक सीट खाली है. चुनावों में 180 से ज्यादा निर्दलीय और कांग्रेस के एक दर्जन से ज्यादा बागी मुकाबले में हैं. कुल 50,25,941 योग्य मतदाता हैं. राज्य में 7,525 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.
सुरक्षा का हाल व चुनावी बंदोबस्त
मुख्य निर्वाचन अधिकारी पुष्पेंद्र राजपूत ने बताया कि सुरक्षा के लिए पुलिस और होमगार्ड के 17,850 कर्मियों के अलावा केंद्रीय अर्द्धसैन्य बल की 65 कंपनियां तैनात की गयी है. पारदर्शी और निर्बाध चुनाव के लिए पर्याप्त इंतजाम किये गए हैं. समूचे राज्य में 29 जनरल, तीन पुलिस, 22 व्यय पर्यवेक्षक और 71 सहायक व्यय पर्यवेक्षक, 1561 माइक्रो पर्यवेक्षकों के साथ 193 सेक्टर मजिस्ट्रेट और 789 सेक्टर ऑफिसर तैनात किये गए हैं. सीइओ ने कहा कि इसीआइ द्वारा राज्य में चुनावी गतिविधियों की लाइव मॉनिटरिंग के लिए राज्य में 2307 मतदान केंद्रों में वेब कास्टिंग का इस्तेमाल किया जाएगा और सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक मतदान होगा. पहली बार विधानसभा चुनाव में वीवीपीएटी मशीनों का इस्तेमाल हो रहा है और 10 प्रतिशत इवीएम और वीवीपीएटी को रिजर्व में रखा गया है.