नयी दिल्ली : प्रद्युम्न हत्याकांड में अब हरियाणा पुलिस के अनुसंधान और कार्यशैली पर सवाल खड़े किये हैं. राज्य पुलिस और सीबीआइ की जांच के अलग-अलग नतीजों के चलते लोग इस केस की तुलना आरुषि हत्याकांड से भी कर रहे हैं. मामले से जुड़े कई ऐसे सबूत हैं जो हरियाणा पुलिस के पास भी थे, लेकिन पुलिस का नजरिया उन्हें लेकर अलग था. चाहे वह हत्या के लिए इस्तेमाल किये गये चाकू की बात हो या मर्डर के मोटिव की.
स्कूल प्रबंधन की भूमिका को लेकर भी दोनों की राय अलग-अलग लग रही है.घटना के बाद पुलिस ने स्कूल बस के कंडक्टर अशोक को पुलिस गिरफ्तार कर उस पर हत्या का आरोप लगाया था. पुलिस ने उसका स्वीकारोक्ति बयान भी मीडिया से साझा किया था. अशोक से मीडिया में यह बयान दिलाया गया था कि मेरी बुद्धि भ्रष्ट हो गयी थी. मैं बच्चों के टॉयलेट में था. वहां गलत काम कर रहा था. तभी वह बच्चा आ गया. उसने मुझे देख लिया. मैंने उसे पहले देखा धक्का दिया. फिर खींच लिया. वह शोर मचाने लगा, तो मैं डर गया. फिर मैंने उसे दो बार चाकू से मारा. उसका गला रेत दिया. हरियाणा पुलिस और सीबीआइ की थ्योरी में कई बड़े अंतर हैं.
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8 सितंबर को हुई थी हत्या
गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 8 सितंबर को सात साल के मासूम छात्र का शव टॉयलेट में मिला था. हरियाणा सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआइ से कराने की सिफारिश 15 सितंबर को की थी.
मात्र चार मिनट में की हत्या पहले से बना रखा था प्लान
आरोपी छात्र ने आठ सितंबर को किसी की हत्या की साजिश पहले ही बना ली थी, लेकिन उसने यह तय नहीं किया था कि वह किसको मारेगा. संयोग से प्रद्युम्न शौचालय में पहुंच गया और सीनियर छात्र की खतरनाक योजना का शिकार बन गया. हत्या से एक दिन पहले वह कुछ छात्रों से यह भी कहता सुना गया था कि कल स्कूल बंद रहेगा. इस अपराध को महज चार मिनट में अंजाम दिया गया था.
स्कूल के 125 शिक्षक-छात्रों से पूछताछ
सीसीटीवी फुटेज, वैज्ञानिक और फोरेंसिक जांच, अपराध स्थल के विश्लेषण, स्कूल के छात्रों, शिक्षकों व कर्मचारियों से पूछताछ के आधार पर सीबीआइ ने घटनाक्रम की जांच की. सीसीटीवी फुटेज व घटनास्थल के विश्लेषण के आधार पर एजेंसी ने सभी संभावित संदिग्धों व गवाहों से पूछताछ की. 125 शिक्षकों और छात्रों से बात की. रेयान समूह के मालिक रेयान पिंटो से पूछताछ नहीं हुई है.
आरोपी को हो फांसी : प्रद्युम्न के पिता
प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर ने कहा कि पुलिस जांच को लेकर हमारा संदेह सही था. उन्होंने आरोपी छात्र को व्यस्क मान कर मुकदमा चलाने और फांसी की मांग की है. कहा, स्कूल प्रबंधन के अफसरों से भी पूछताछ हो.
मेरा बेटा बेगुनाह : आरोपी के पिता
आरोपी छात्र के पिता ने कहा कि उनका बेटा निर्दोष है. उसने प्रद्युम्न का शव देखने के बाद माली और शिक्षकों को इसकी सूचना दी. पूरे दिन स्कूल में ही रहा, परीक्षा में भी बैठा. उसके कपड़ों पर खून का धब्बा नहीं था.