नयी दिल्ली : राजधानी में स्मॉग के मुद्दे पर नैशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) ने चिंता जाहिर की है साथ ही दिल्ली सरकार को कड़ी फटकार लगायी है. एनजीटी ने पूछा है कि आखिर प्रदूषण कम करने के लिए हेलिकॉप्टर से आर्टिफिशल बारिश क्यों नहीं करवाई जा रही है? यही नहीं एनजीटी ने केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्यों के रुख को ‘शर्मनाक’ बताया और समस्या के प्रति उनकी गंभीरता पर प्रश्न चिन्ह लगाये. एनजीटी ने कहा है कि 10 साल पुरानी गाड़ियों और 15 साल पुरानी डीजल गाड़ियों को दिल्ली में आने से रोका जाए, साथ ही निर्माण कार्य से जुड़े सामान लाने वाले ट्रक को भी रोका जाए.
This matter shouldn't be politicized, it is the time for everyone to come together and fight this problem: MoS Environment, Mahesh Sharma #AirPollution #smog pic.twitter.com/dvJ0ByJins
— ANI (@ANI) November 9, 2017
मामले पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी गुरुवार को अपनी राय रखी और कहा कि पीएम लेवल में बढ़त सिर्फ लोकल कारणों से नहीं हुई है. दिल्ली के लोग और सरकार सारे जरूरी कदम उठाने के लिए तैयार हैं लेकिन यह तब तक संभव नहीं है जब तक फसल जलाने का उपाय नहीं निकल जाता है. आगे केजरीवाल ने कहा कि अक्टूबर से लेकर नवंबर तक सिर्फ दिल्ली ही नहीं पूरा उत्तर भारत गैस चेंबर बन गया है. अगर जरूरत पड़ी तो ऑड-ईवन पर आज या कल तक फैसला ले लिया जाएगा.
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा सरकार राजनीति को एक तरफ रखकर साथ आ जाएं तो एक समाधान मिल सकता है. मामले को लेकर केंद्रीय राज्य मंत्री (Environment) महेश शर्मा ने कहा है कि स्मॉग को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए. यह ऐसा वक्त है जब सबको साथ आना चाहिए और समस्या का सामाधान निकालना चाहिए.
Delhi High Court raises questions on the decision of increasing parking fees by four times to control pollution.
— ANI (@ANI) November 9, 2017
इधर , दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रदूषण को कम करने के लिए पार्किंग फीस चार गुना बढ़ाने पर सवाल उठाये हैं.
For a month (from mid Oct to mid Nov) the whole northern India becomes a gas chamber, not just Delhi: Delhi CM Arvind Kejriwal #AirPollution pic.twitter.com/I9X6q7x0QT
— ANI (@ANI) November 9, 2017