दिल्ली में प्रदूषण की मार से गरमाया एयर प्यूरीफायर का बाजार, कंपनियां उठा रहीं मौके का फायदा
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु की गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित होने के बाद एयर प्यूरीफायर का बाजार गरमा गया है. हवा खराब होने से ग्राहक आनन-फानन में एयर प्यूरीफायर खरीद रहे हैं और कंपनियां इस मौके का लाभ उठाते हुए अपनी बिक्री में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रही हैं. हालांकि प्रदूषण की […]
नयी दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु की गुणवत्ता बुरी तरह प्रभावित होने के बाद एयर प्यूरीफायर का बाजार गरमा गया है. हवा खराब होने से ग्राहक आनन-फानन में एयर प्यूरीफायर खरीद रहे हैं और कंपनियां इस मौके का लाभ उठाते हुए अपनी बिक्री में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रही हैं. हालांकि प्रदूषण की हालत ऐसी है कि चिकित्सकों को भी इस तरह के उत्पादों के प्रभावी होने पर शक है.
प्रमुख एयर प्यूरीफायर कंपनियां ब्लू एयर, यूरेका फोर्ब्स, पैनासोनिक इंडिया और शॉर्प ने कहा है कि पिछले कुछ दिनों में उनके उत्पादों की मांग कई गुना बढ़ी है. चिकित्सकों और विशेषज्ञों का कहना है कि इतने उच्च स्तर के प्रदूषण में चेहरे पर पहने जाने वाले मास्क और प्यूरीफायर के प्रभाव को लेकर कोई चिकित्सकीय डाटा उपलब्ध नहीं है. एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने कहा कि एन95 मास्क और एयर प्यूरीफायर्स संभवत: इतने वृहद स्तर के प्रदूषण से पूरे समय सुरक्षा प्रदान नहीं कर पायें और इसके लिए दीर्घ कालीन कदम उठाने का दबाव बढ़ा है.
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श्याओमी के प्रवक्ता ने कहा, मी एयर प्यूरीफायर-2 ने भारत में एयर प्यूरीफायर श्रेणी के बाजार को बदल दिया है. पिछले 24 घंटों में मी डॉट कॉम, फ्लिपकार्ट और अमेजन पर कुल मिलाकर इसकी बिक्री में आठ गुना वृद्धि देखी गयी है. इसी प्रकार, ब्लूएयर के एक प्रवक्ता ने कहा कि वायु की गुणवत्ता खराब होने से पिछले दो-तीन दिन से यह लगातार चर्चा में है.
पिछले सप्ताह की तुलना में ब्लू एयर की बिक्री में 50 गुना का इजाफा हुआ है. उन्होंने कहा कि पिछले महीने की तुलना में नवंबर में हम बिक्री तीन गुना रहने की उम्मीद कर रहे है. पिछले साल के समान महीने की तुलना में हमें बिक्री में 100 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है. देश में विभिन्न ब्रांडों के एयर प्यूरीफायर की कीमत 9000 से 36,000 रुपये के बीच है.
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एनजीटी ने दिल्ली में निर्माण व कचरा जलाने पर लगाया प्रतिबंध
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में वायु गुणवत्ता खराब होने पर दिल्ली सरकार और नगर निकायों को फटकार लगाते हुए गुरुवार को निर्माण और औद्योगिक गतिविधियों तथा ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध के साथ कई निर्देश जारी किये. एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, अगले आदेश तक निर्माण गतिविधियां नहीं होगी.
दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण फैलाने वाली सभी औद्योगिक इकाइयों को भी 14 नवंबर तक चलने की अनुमति नहीं होगी. अधिकरण ने 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल वाले ट्रकों के प्रवेश पर भी पाबंदी लगा दी और कहा कि बाहर से या दिल्ली के भीतर गाडि़यों को निर्माण सामग्री ढोने की अनुमति नहीं होगी.