प्रद्युम्न हत्याकांड: आखिर मामले को जल्दी क्यों निपटाना चाहती थी हरियाणा पुलिस ?
गुरुग्राम/नयी दिल्ली : गुरुग्राम के रायन स्कूल के चर्चित प्रद्युम्न मर्डर केस में सीबीआई जांच से यह बात सामने आयी है कि केस को चंद घंटों में ‘सुलझाने’ की जल्दबाजी में गुरुग्राम पुलिस ने बस कंडक्टर अशोक कुमार को आरोपी बनाकर पेश कर दिया और उसके पास से हथियार बरामद किये जाने का दावा तक […]
गुरुग्राम/नयी दिल्ली : गुरुग्राम के रायन स्कूल के चर्चित प्रद्युम्न मर्डर केस में सीबीआई जांच से यह बात सामने आयी है कि केस को चंद घंटों में ‘सुलझाने’ की जल्दबाजी में गुरुग्राम पुलिस ने बस कंडक्टर अशोक कुमार को आरोपी बनाकर पेश कर दिया और उसके पास से हथियार बरामद किये जाने का दावा तक कर दिया. हत्या के दिन मीडिया के समक्ष अशोक द्वारा गुनाह ‘कबूल’ किये जाने को लेकर भी अब कहा जा रहा है कि उसपर पुलिस ने भारी दबाव डाला था जिसके बाद उसने ऐसा किया.
करीब दो महीने तक चली सीबीआई जांच के बाद यह बात सामने आयी है कि रायन स्कूल के ही एक 16 वर्षीय छात्र ने स्थानीय दुकान से हत्या में इस्तेमाल चाकू को खरीदा था और घटना को अंजाम दिया. आज मामले को लेकर अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने खबर दी. अखबार ने छापा है कि जांच से जुड़े एक सीबीआई अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि यह चाकू नाबालिग आरोपी ने एक स्थानीय दुकान से खरीदा था. आरोपी छात्र ही चाकू को स्कूल के अंदर लेकर आया था. हत्याकांड के बाद यह चाकू बरामद हुआ था. यही कारण है कि गुरुग्राम पुलिस का अशोक कुमार द्वारा चाकू लाये जाने के दावे में दम नहीं है.
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अधिकारी ने आगे यह भी बताया कि आरोपी ने सीबीआई टीम को उस दुकान के बारे में भी जानकारी दी जहां से उसने चाकू खरीदा था. उन्होंने कहा कि नाबालिग आरोपी ने अपने पिता, एक स्वतंत्र गवाह और सीबीआई अधिकारी के समक्ष अपना गुनाह कबूल भी कर लिया है. आरोपी ने बताया है कि उसने चंद सेकंड्स में प्रद्युम्न का गला काटा और टॉइलट से बाहर निकल लिया. यहां उल्लेख कर दें कि गुडगांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल के दूसरी कक्षा के छात्र की हत्या के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा 16 वर्षीय छात्र के पकडे जाने के बाद बस कंडक्टर अशोक कुमार के परिवार ने उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने का निर्णय किया है जिन्होंने उसे फंसाया था.
अशोक के पिता अमीरचंद ने बताया कि यह अब लगभग स्पष्ट हो चुका है कि मेरे बेटे अशोक को फंसाया गया और बलि का बकरा बनाया गया. हमने गुडगांव पुलिस के विशेष जांच दल के अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज कराने का निर्णय किया है. इन अधिकारियों ने उसे फंसाया और मीडिया के समक्ष अपराध स्वीकार करने के लिए टार्चर किया तथा नशे का डोज दिया. अमीर ने कहा कि उनके परिवार ने केस दर्ज करने के लिए गांव वालों से आर्थिक सहायता मांगी है.
वहीं ,विपक्षी दल ने भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर पर पुलिस जांच में नाकामी के लिए हमला बोला है. पूर्ववर्ती हुडा सरकार के मंत्री अजय यादव ने तीन डीसीपी तथा विशेष जांच दल के सदस्यों के खिलाफ गहन जांच की मांग की है जिसने गरीब कंडक्टर को बलि का बकरा बनाया था. हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक तंवर ने बताया कि यह खट्टर सरकार की विफलता है.