ट्रेन के डाॅक्टर टीटी बाबू, सांस फूलने पर झट लगायेंगे आॅक्सीजन

नयी दिल्ली : ट्रेन में सफर के दौरान आपने गर्भवती महिलाआें का प्रसव होने का समाचार अक्सर पढ़ा, सुना अथवा देखा होगा. इसके साथ ही, इन्हीं ट्रेन के सवारियों में से कर्इ लोगों का पेट सफर के दौरान खराब भी हो जाता है, तो कर्इ लोगों की सांसें भी फूलने लगती हैं. चलती ट्रेन में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 11, 2017 2:47 PM

नयी दिल्ली : ट्रेन में सफर के दौरान आपने गर्भवती महिलाआें का प्रसव होने का समाचार अक्सर पढ़ा, सुना अथवा देखा होगा. इसके साथ ही, इन्हीं ट्रेन के सवारियों में से कर्इ लोगों का पेट सफर के दौरान खराब भी हो जाता है, तो कर्इ लोगों की सांसें भी फूलने लगती हैं. चलती ट्रेन में डाॅक्टरों की माकूल इंतजामात नहीं होने की वजह से कर्इ दफा तबीयत नासाज होने की स्थिति में लोगों की जान पर आफत टूट पड़ती है, मगर अब इन सबके लिए ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है. आप जल्द ही ट्रेन में सफर के दौरान देखेंगे कि जिस टीटीर्इ की जिम्मेदारी टिकट चेक करने आैर सवारियों को उनकी सीट उपलब्ध कराने की है, जरूरत पड़ने पर वही टीटीर्इ बाबू आपका इलाज भी करते नजर आयेंगे.

इसे भी पढ़ेंः चलती ट्रेन में बच्ची ने लिया जन्म

दरअसल, एेसा इसलिए होगा, क्योंकि रेलवे अपनी सवारियों को चलती ट्रेन में हर प्रकार की सुविधा देने की जुगत में जुटा है, यह बात दीगर है कि सुविधाएं बढ़ाने के बाद रेलवे चुपके से रेल किरायों में इजाफा भी कर देता है. बताया यह जा रहा है कि रेलवे अपने कर्मचारियों को बहुउद्देशीय भूमिकाओं के लिए प्रशिक्षित करने का दौर चल पड़ा है. इसी कड़ी में अब चलती ट्रेन में टीटीई डॉक्टर की भूमिका में भी नजर आयेंगे. सांस फूलने या ऑक्सीजन की जरूरत पड़ने पर सिलेंडर भी लगायेंगे.

मीडिया में आ रही खबरों में यह बताया जा रहा है कि इसके लिए ट्रेन में ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की जायेगी. ऑक्सीजन सिलेंडर लगाने का टीटीई को प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसके साथ ही, वे चलती ट्रेन में रेलवे डॉक्टर को फोन कर बीमारी के संबंध में जानकारी लेकर रोगी का इलाज करेंगे. रेलवे की आेर से चलती ट्रेन में आॅक्सीजन की व्यवस्था इसलिए की जा रही है, क्योंकि दो साल पहले राजधानी एक्सप्रेस से जयपुर जा रहे एक यात्री को सांस लेने में परेशानी हुई थी. उसे ऑक्सीजन की आवश्यकता थी, लेकिन चलती ट्रेन में न डॉक्टर उपलब्ध हो सका और न ही सिलेंडर.

हालांकि, इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी. सुप्रीम कोर्ट ने पांच महीने पहले रेलवे बोर्ड को आदेश दिया था कि ट्रेनों में ऑक्सीजन की व्यवस्था करे और बीमार यात्री को यह सुविधा उपलब्ध कराये. इस आदेश के बाद बोर्ड स्तर पर इसके लिए कार्ययोजना बनायी गयी.

रेलवे की इस योजना में यह तय किया गया कि ट्रेन के टीटीई व अन्य स्टाफ को ऑक्सीजन लगाने का प्रशिक्षण दिया जायेगा. उस राय के अनुसार, बीमार यात्री को टीटीई इलाज करेंगे. गंभीर रोगी के लिए अस्पताल वाले शहर के स्टेशन पर ट्रेन रोकी जायेगी.

रेल प्रशासन इस व्यवस्था को लागू करने की तैयारी कर चुका है. मंडल रेल अस्पताल प्रशासन को जिला मुख्यालय के प्रमुख प्राइवेट अस्पतालों से अनुबंध करने के आदेश दिये गये हैं, जहां बीमार रेल कर्मियों का नि:शुल्क और बीमार यात्री का शुल्क लेकर इलाज होगा.

Next Article

Exit mobile version