प्रधानमंत्री के सलाहकार ने बारु की किताब पर उठाये सवाल
नैनीताल : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के वैज्ञानिक सलाहकार सीएन आर राव ने संजय बारु की किताब के पीछे राजनीतिक मंशा होने का अंदेशा बताते हुए कहा है कि आरोप आधारहीन और प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश हैं. बारु की पुस्तक में कहा गया था कि मनमोहन सिंह का अपने मंत्रियों पर बहुत […]
नैनीताल : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के वैज्ञानिक सलाहकार सीएन आर राव ने संजय बारु की किताब के पीछे राजनीतिक मंशा होने का अंदेशा बताते हुए कहा है कि आरोप आधारहीन और प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश हैं. बारु की पुस्तक में कहा गया था कि मनमोहन सिंह का अपने मंत्रियों पर बहुत कम नियंत्रण था.राव ने पुस्तक के जारी होने के समय पर भी प्रश्न उठाते हुए कहा कि चुनाव के समय किताब का आना साफ तौर पर इसके पीछे छिपी राजनीतिक मंशा को दर्शाता है.
राव ने कल यहां आयोजित पहर संस्था के कार्यक्रम में कहा, यह आरोप कि मनमोहन सिंह एक कमजोर प्रधानमंत्री हैं, उनका अपने मंत्रियों पर कोई नियंत्रण नहीं है, बिल्कुल निराधार है. राजनीतिक लाभ पाने के लिए इस किताब के माध्यम से प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गयी है. राव को उनकी उपलब्धियों के लिए पहर द्वारा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया है.
राव ने कहा कि भारत को शिक्षा और स्वास्थ्य पर, खासकर के सबसे ज्यादा शोध पर निवेश करने की जरुरत है ताकि अन्य देशों के साथ उसकी गणना की जा सके.
उन्होंने कहा, मौजूदा समय में कुल सकल घरेलू उत्पाद का मात्र 2 प्रतिशत हम शिक्षा पर खर्च करते हैं जिसे विकसित राष्ट्रों के तर्ज पर बढ़ाकर 6 प्रतिशत करने की जरूरत है. एक छात्र के प्रश्न का जवाब देते हुए राव ने प्रोफेसर सर जगदीश चंद्र बोस को अपना आदर्श बताया.
उन्होंने कहा, बोस सन् 1897 में नोबेल पुरस्कार प्राप्त होने वाले पहले भारतीय होने चाहिए थे क्योंकि ऐसे साक्ष्य मौजूद हैं जो बताते हैं कि बोस ने गुग्लिएल्मो मारकोनी से दो साल पहले ही समुद्र के पार बेतार संदेश प्रेषित कर दिया था.