नयी दिल्ली : उच्चतम न्यायालय आज बलात्कार के एक मामले में आरोपी और तहलका के संस्थापक तरुण तेजपाल की जमानत याचिका पर सुनवाई करने को सहमत हो गया और गोवा पुलिस को नोटिस जारी किया. प्रधान न्यायाधीश पी सदाशिवम की अध्यक्षता वाली पीठ ने गोवा पुलिस से चार सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है.
संक्षिप्त जिरह के दौरान, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने तेजपाल का पक्ष रखते हुए अंतरिम जमानत के लिए अपील की और कहा कि शीर्ष अदालत उन पर गोवा से बाहर नहीं जाने और सुनवाई के लंबित रहने तक दिल्ली आने की शर्त लगा सकती है जो उन्हें स्वीकार्य होगी. 50 वर्षीय तेजपाल ने बंबई उच्च न्यायालय की गोवा पीठ के 14 मार्च के फैसले को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी जिसने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
तेजपाल को पिछले वर्ष नवंबर में गोवा में आयोजित एक समारोह के दौरान अपनी एक कनिष्ठ सहयोगी का कथित रुप से बलात्कार करने , यौन उत्पीड़न करने और उसका शील भंग करने का आरोपी ठहराया गया है. उन पर आरोप है कि उन्होंने 7 नवंबर को पीडिता पर यौन हमला किया और अगले दिन फिर इस अपराध को दोहराया.
तेजपाल को 30 नवंबर 2013 को गिरफ्तार किया गया था. वह इस समय न्यायिक हिरासत में और गोवा के वास्को कस्बे में साडा उपजेल में बंद हैं. तेजपाल ने अपनी जमानत याचिका में कहा था कि अभियोजन के 152 गवाह हैं जिनसे अदालत द्वारा जिरह किया जाना है और इसके कारण सुनवाई में लंबा समय लगने की संभावना है.
तेजपाल को धारा 354, 354 ए ( यौन उत्पीडन ) , 341 और 342 (गलत तरीके से रोक कर रखना ) , 376 ( बलात्कार ), 376 ( 2 )( एफ ) और 376 ( 2 ) के ( के तहत आरोपित किया गया है. गोवा पुलिस ने आरोपपत्र में दावा किया था कि दस्तावेजों और बयानों के रुप में रिकार्ड में ऐसे पर्याप्त सबूत हैं जो दर्शाते हैं कि तेजपाल कथित अपराध को अंजाम देने के बाद पुलिस से बचते फिर रहे थे.