फिल्म उद्योग से जुड़े संघों ने ”पद्मावती” का किया समर्थन, सरकार की चुप्पी पर उठाया सवाल
मुंबई : कई फिल्म संघ सोमवार को निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती के समर्थन में आगे आये और फिल्म की रिलीज के खिलाफ राजपूत समूहों की ओर से दी जानेवाली धमकियों पर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया. द इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (आइएफटीडीए) के साथ ही सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स […]
मुंबई : कई फिल्म संघ सोमवार को निर्देशक संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती के समर्थन में आगे आये और फिल्म की रिलीज के खिलाफ राजपूत समूहों की ओर से दी जानेवाली धमकियों पर सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया. द इंडियन फिल्म एंड टेलीविजन डायरेक्टर्स एसोसिएशन (आइएफटीडीए) के साथ ही सिने एंड टीवी आर्टिस्ट्स एसोसिएशन (सीआइएनटीएए), वेस्टर्न इंडिया सिनेमैटोग्राफर्स एसोसिएशन (डब्ल्यूआइसीए), स्क्रीनराइटर्स एसोसिएशन (एसडब्ल्यूए), एसोसिएशन आफ सिने एंड टेलीविजन आर्ट डायरेक्टर्स एंड कास्ट्यूम डिजाइनर्स (एसीटीएडीसीडी) ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में भंसाली का समर्थन किया.
संवाददाता सम्मेलन में मौजूद फिल्म निर्माता सुधीर मिश्र ने कहा कि भंसाली पर हमला रचानात्मक स्वतंत्रता पर एक हमला है. जब इतिहास की व्याख्या का सवाल आता है तो आप उनसे असहमत हो सकते हैं, लेकिन कम से कम फिल्म को रिलीज तो होने दीजिये. रोक की मांग करके आप एक ऐसा माहौल निर्मित कर रहे हैं जहां कोई भी भारतीय इतिहास पर फिल्म बनाने का प्रयास नहीं करेगा. राजपूत और भाजपा के कुछ सदस्यों ने भंसाली पर फिल्म में तथ्यों को तोड़ मरोड़कर दिखाने का आरोप लगाया है. दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह अभिनीत यह फिल्म एक दिसंबर को रिलीज होनी है. अभिनेता एवं सीआइएनटीएए के महासचिव सुशांत सिंह ने कहा कि इस बिंदु पर सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए.
सिंह ने सवाल किया, संजय लीला भंसाली ने हमें यह संवाददाता सम्मेलन करने के लिए नहीं कहा था. हम सभी निराश, नाराज और परेशान हैं. कब तक हमारी बिरादरी के सदस्य फिल्म बनाने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की मांग करते रहेंगे? हमें ऐसे मूलभूत अधिकार के लिए हमेशा संघर्ष क्यों करना पड़ता है? उन्होंने कहा, मेरा सवाल राज्य और केंद्र सरकार के लिए है. आप चुप क्यों हैं? आपकी पार्टी के लोग खुलेआम थिएटर जलाने की धमकी दे रहे हैं. मुझे सरकार से एक आश्वासन मांगने का अधिकार है. आइएफटीडीए के संयोजक एवं फिल्मनिर्माता अशोक पंडित ने कहा कि उद्योग को एक ऐसे बिंदू पर धकेल दिया गया है जहां वे प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 16 नवंबर को भंसाली के समर्थन में यहां फिल्म सिटी द्वार के बाहर एक मूक विरोध प्रदर्शन होगा.
पंडित ने कहा, पूरी फिल्म बिरादरी पूर्वाह्न 11 बजे बाहर आयेगी. भंसाली के समर्थन के प्रतीक के तौर पर शाम चार से सवा चार बजे तक कोई शूटिंग नहीं होगी. उन्होंने यह भी कहा कि संघ कल सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखेंगे. भंसाली के साथ फिल्म हम दिल दे चुके सनम में काम कर चुके अभिनेता विक्रम गोखले ने कहा कि फिल्ममेकर एक जिम्मेदार व्यक्ति होता है और उसके दृष्टिकोण पर विश्वास किया जाना चाहिए. गोखले ने कहा, मैं निजी सेंसरशिप के खिलाफ हूं. मैंने भंसाली के साथ काम किया है. यदि उन्होंने कोई गलती भी की है, आपके पास अपना विचार व्यक्त करने के लिए कलम और मीडिया मंच है. लेकिन, सेट पर तोड़फोड़ करना, हिंसा में लिप्त होना अत्यंत मूर्खता है.