नयी दिल्ली : राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को 15 नवंबर 1949 को पंजाब के अंबाला जेल में फांसी की सजा दी गयी थी. गोडसे की पहचान गांधी के हत्यारे के रूप में है लेकिन हाल के दिनों में गांधी के हत्यारों को लेकर जोरदार बहस छिड़ी है. गोडसे की विचारधारा से सहमति रखने वाले लोग उसके मंदिर निर्माण को लेकर खबरों में रहते हैं.
इंटरनेट पर गोडसे को लेकर कई जानकारियां हैं. आप सर्च करेंगे, तो गांधी के हत्यारे की जानकारी के साथ आपको गोडसे का बयान मिलेगा जिसमें उसने बताया है कि गांधी की हत्या क्यों की? अहिंसा के रास्ते पर चलकर जिस व्यक्ति ने सबसे बड़ी ताकत ( ब्रिटिश राज) को हरा दिया, वह एक हत्यारे की गोली का शिकार हो गया.
तीन गोलियां लगी थी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को
30 जनवरी 1948 महात्मा गांधी ने सरदार पटेल से मुलाकात की. लंबी बातचीत के बाद गांधी जब प्रार्थना सभा के लिए लौटे तो देर हो गयी थी. बापू मनु बेन और आभा चटर्जी के साथ उस शाम पांच बजकर 17 मिनट पर सभा में पहुंचे. भीड़ से एक शख्स बाहर निकला खाकी कोट पहने इस शख्स ने पहले बापू को प्रणाम किया. मनु बेन ने उसे रोकने की कोशिश की, तो उसने धक्का देकर उन्हें गिरा दिया. पिस्टल निकाली और एक के बाद एक तीन गोलियांबापू पर चला दी.
कौन था गोडसे
नाथूराम गोडसे का जन्म 19 मई 1910 को पुणे में हुआ था. पिता का नाम विनायक वामनराव गोडसे था. हाईस्कूल के बीच में ही उसने पढ़ाई-लिखाई छोड़ दी. उसने अग्रणी तथा हिन्दू राष्ट्र नामक दो समाचार-पत्रों का संपादन किया.