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अंधेरे में आवाज सुन जैसे ही ग्रामीण ने टॉर्च जलायी हथिनी दौड़ पड़ी उसके पीछे फिर…

अंबिकापुर : जैसे ही आप झारखंड के गुमला जिले को पार करके छत्तीसगढ़ के जशपुर जिला पहुंचते हैं, हाथियों से आपकी मुलाकात हो सकती है. ‘जी हां’ टाउन में तो नहीं लेकिन उससे दूर अगर आप ग्रामीण परिवेश में जाते हैं तो शायद सड़क पार करते हुए हाथी आपको नजर आ जाएं. ऐसा नहीं कि […]

अंबिकापुर : जैसे ही आप झारखंड के गुमला जिले को पार करके छत्तीसगढ़ के जशपुर जिला पहुंचते हैं, हाथियों से आपकी मुलाकात हो सकती है. ‘जी हां’ टाउन में तो नहीं लेकिन उससे दूर अगर आप ग्रामीण परिवेश में जाते हैं तो शायद सड़क पार करते हुए हाथी आपको नजर आ जाएं. ऐसा नहीं कि हाथी आपको नुकसान नहीं पहुंचायेंगे. उपरोक्त बातें मैंने इसलिए बता दी क्योंकि आगे मैं जिस घटना की जिक्र करने जा रहा हूं वह हाथियों के आतंक की है.

घटना हालांकि रविवार की है लेकिन इस घटना से पूरे जिले में दहशत है. सूरजपुर जिले के प्रतापपुर वन परिक्षेत्र में बनारस रोड से लगे नवाधक्की में 13 हाथियों का दल पहुंच गया और ग्रामीण के घर को तरह-नहस करने में जुट गया. घटना रात की थी और लोगों को केवल कुछ आवाजें सुनाई पड़ रही थी. इसी दौरान ग्रामीण जगे और टॉर्च जलाकर देखा कि कौन है अंधेरे में ?

इस दौरान एक ग्रामीण के टॉर्च की लाईट हथिनी पर जैसे पड़ी, वह उसके पीछे दौड़ गयी. हथिनी ग्रामीण को नुकसान पहुंचा पाती इसके पहले ही अंधेरे के कारण उसका बैलेंस बिगड़ा और वो एक सूखे कुएं में गिर गयी. इसके बाद इसकी सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग को दी. हथिनी को कुएं से निकालने में वन विभाग के पसीने छूट गये और 40 घंटे बाद हथिनी को दो क्रेनों की मदद से बाहर निकाला जा सका.

कुएं में गिरने से हथिनी की कमर और पैरों में गंभीर चोटें आयीं हैं. उसके गिरने के बाद उसके अन्य साथी कुएं के आस-पास कुछ देर तक मंडराते रहे फिर पास के जंगल में चले गये.

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