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फारुक के पीओके पर बयान के बाद ट्विटर पर छिड़ी जंग, याद दिलाई सारा-सचिन की शादी की कहानी

श्रीनगर/नयी दिल्ली : इन दिनों जम्मू-कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री फारुक अब्दुल्ला अपने बयानों के कारण चर्चा में हैं. वे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को लेकर लगातार बयान दे रहे हैं. उनके बयान के बाद लोग सोशल मीडिया पर उनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं. कुछ लोग उन्हें पुराने दिनों को याद करने को कह रहे हैं […]

श्रीनगर/नयी दिल्ली : इन दिनों जम्मू-कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री फारुक अब्दुल्ला अपने बयानों के कारण चर्चा में हैं. वे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को लेकर लगातार बयान दे रहे हैं. उनके बयान के बाद लोग सोशल मीडिया पर उनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं. कुछ लोग उन्हें पुराने दिनों को याद करने को कह रहे हैं जब उनकी बेटी ने पूरे परिवार से बगावत करके एक राजस्थानी छोरे (कांग्रेस नेता सचिन पायलट) के साथ शादी कर ली. सोशल मीडिया पर इन चीजों को लेकर कुछ ट्वीट चल रहे हैं.

आइए हम आपको यहां उन पुराने दिनों की याद दिलाते हैं. देश के स्मार्ट नेताओं में से एक हैं सचिन पायलट जिन्हें फारुक अब्दुल्ला की बेटी से प्रेम हो गया. दोनों के प्रेम में मजहब की दीवार थी. मजहब की दीवारें अक्सर प्रेम की कश्ती को डूबाने का काम करती हैं, लेकिन यदि प्यार में सच्चाई हो तो यह दीवार भी महज ताश के पत्तों के महल की तरह ढह जाते हैं. कांग्रेस के दिग्गज नेता राजेश पायलट के बेटे सचिन और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला की बेटी सारा की प्रेम कहानी भी एकदम फिल्मी है.

दोनों पढ़ाई के दौरान विदेश में एक-दूसरे से मिले. मुलाकात ने कब प्यार का रूप ले लिया दोनों को पता नहीं चला. सचिन के वतन लौटने के बाद दोनों के बीच में बात होनी शुरू हुई और सचिन खूबसूरत सारा को प्रपोज कर बैठे. जब दोनों ने अपनी शादी की बात परिवार वालों को बतायी तो कोहराम मच गया.फारुक अब्दुल्ला का परिवार सचिन और सारा की शादी के खिलाफ था, लेकिन सचिन ने धर्म, राजनीति और सामाजिक बंधनों को ठेंगा दिखाते हुए कश्मीर की सारा को अपना बना लिया.

खबरों की मानें तो सचिन ने तो अपने परिवार को इस शादी के लिए तैयार कर लिया, लेकिन सारा का परिवार इस रिश्‍ते के खिलाफ था. दोनों ने सादे समारोह में जनवरी 2004 में शादी की. इस शादी का अब्दुल्ला परिवार ने विरोध किया और शादी को मान्यता देने से ही मना कर दिया. शादी के कुछ महीनों बाद ही सचिन ने राजनीति के मैदान में उतरे और कामयाबी उनके कदमों में आ गयी. सचिन मात्र 26 साल में 2004 के लोकसभा चुनावों में दौसा से मैदान में उतरे और बड़ी जीत हासिल की. इसके बाद सचिन-सारा की शादी का विरोध करने वाले फारुक अब्दुल्ला ने बाद में सचिन पायलट को अपने दामाद के रूप में गले से लगा लिया.

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