केंद्रीय कैबिनेट ने जीएसटी में आम आदमी के हितों की रक्षा के लिए बनाया एंटी प्राफटिरिंग ऑथिरिटी
नयी दिल्ली : केंद्रीय कैबिनेट ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए नेशनल एंटीप्राफटिरिंगऑथिरिटी(राष्ट्रीय मुनाफाखोरी निरोधक प्राधिकरण)का गठन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया. इस ऑथिरिटी के जरिये आम ग्राहकों के हितों की रक्षा हो सकेगी. केंद्रीय कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए […]
नयी दिल्ली : केंद्रीय कैबिनेट ने आज एक बड़ा फैसला लेते हुए नेशनल एंटीप्राफटिरिंगऑथिरिटी(राष्ट्रीय मुनाफाखोरी निरोधक प्राधिकरण)का गठन किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में यह निर्णय लिया गया. इस ऑथिरिटी के जरिये आम ग्राहकों के हितों की रक्षा हो सकेगी. केंद्रीय कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार ने आम आदमी के हितों की रक्षा के लिए इस आॅथिरिटी का गठन किया है. उन्होंने कहा है इसके तहत राज्यों में कमेटियां गठित की जायेंगी और केंद्रीय स्तर पर कमेटी बनेगी. उन्होंने कहा कि राज्य स्तर की कमेटी को कोई भी ग्राहक किसी वस्तु के मूल्य के संबंध में शिकायत कर सकेगा और उस पर फिर यह ऑथिरिटी विचार करेगा.
#Cabinet approves creation of National Anti-profiteering Authority (NAA) under #GST, will ensure benefits of reduction in GST rates are passed on to consumers: Union Min @rsprasad pic.twitter.com/3SJ5W7skrW
— DD News (@DDNewslive) November 16, 2017
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वर्तमान में मात्र 50 आयटम अभी 28 प्रतिशत टैक्स स्लैब के दायरे में हैं. 178 वस्तुओं को 28 प्रतिशत टैक्स स्लैब से बाहर किया गया है. प्रसाद के अनुसार, कई वस्तुएं पांच प्रतिशत के टैक्स स्लैब दायरे में आ गयी हैं. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस कारण पेमेंट मिलना चाहिए, यह देखने में आ रहा है कि पेमेंट बैक प्राॅफिटी में दिक्कत आ रही है. इसलिए कंज्यूमर के हितोंं की रक्षा के लिए सरकार ने ऑथिरिटी के गठन का निर्णय लिया.
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