वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के बार्डर एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआइ) के खिलाफ आवाज उठाने वाले अकेले विश्व नेता हैं जबकि अमेरिका ने भी इस महत्वकांक्षी परियोजना पर लगातार चुपी साधे रखी है. चीन मामलों पर अमेरिका के एक शीर्ष विशेषज्ञ ने यह बात कही है.
कांग्रेस की सुनवाई के दौरान प्रतिष्ठित थिंक टैंक हडसन इंस्टीट्यूट में चीनी रणनीति पर केंद्र के निदेशक माइकल पिल्स्बरी ने सांसदों से कहा कि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की महत्वकांक्षी परियोजना के खिलाफ मोदी और उनकी टीम ने हमेशा खुलकर अपनी बात रखी है.
पिल्स्बरी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी तक विश्व के अकेले ऐसे नेता हैं जिन्होंने इसके खिलाफ अपने विचार व्यक्त किए हैं. उन्होंने और उनकी टीम ने इस पर खुलकर अपने विचार रखें हैं, आंशिकरूप से इसका एक कारण यह भी है कि बेल्ट और रोड इनिशिएटिव से भारतीय संप्रभुता के दावों का उल्लंघन होता है. उन्होंने कहा कि यह पांच साल पुरानी परियोजना है और अमेरिकी सरकार अभी तक इसपर खामोश रही है.
अमेरिका की हिन्द-प्रशांत क्षेत्र परनयी रणनीति की सराहना करते हुए पेंटागन के पूर्व अधिकारी ने कहा कि हाल ही में लोगों ने राष्ट्रपति सहित ट्रंप प्रशासन के सदस्यों को 50 से अधिक बार स्वतंत्र एवं मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र की बात कहते सुना है.
चीन मामलों पर अमेरिका के शीर्ष विशेषज्ञ माने जाने वाले पिल्स्बरी ने कहा, चीन इसका पहले ही विरोध कर चुका है. उसे यह पसंद नहीं है.