नयी दिल्ली : रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कहा कि 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद संबंधी सौदे से जुड़े आरोप शर्मनाक हैं और ऐसी कलह सशस्त्र बलों के लिए नुकसानदायक है. रक्षा मंत्री की टिप्पणी कांग्रेस के गुरुवार के आरोप के बाद आयी है. कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि एक कारोबारी को फायदा पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री ने समूचा सौदा ही बदल दिया.
सीतारमण ने संवाददाताओं को बताया, यह आरोप शर्मनाक हैं. इस सौदे को पारदर्शी प्रक्रिया का पालन करते हुए अंतिम रूप दिया गया. उन्होंने कहा कि वायुसेना की फौरी जरूरत ही इस करार को करने की अहम वजह थी. उन्होंने कहा कि 36 राफेल विमानों के लिए अंतिम करार पर सितंबर 2016 में दस्तखत किये गये. इससे पहले भारत और फ्रांस के बीच पांच दौर की लंबी चर्चा हुई और इसे सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने भी मंजूरी दी थी. रक्षा मंत्री ने कहा कि संप्रग सरकार विमान खरीदने के प्रस्ताव पर 10 साल तक चुप्पी साधे बैठी रही.
उन्होंने कहा, कांग्रेस की अगुवाईवाली सरकार 10 साल तक फैसले नहीं ले सकी, जबकि यह वायु सेना की अहम जरूरत थी. अब वे दाम पर सवाल उठा रहे हैं. इससे दुख होता है. कांग्रेस अब राजनीति कर रही है. सशस्त्र बलों की तैयारी के लिए एनडीए ने त्वरित फैसले लिये. रक्षा मंत्री ने कहा कि फ्रांस ने और विमान बेचने का ऑफर दिया है, लेकिन हमारी ओर से इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गयी है. वायुसेना प्रमुख ने भी कहा कि राफेल खरीद सौदे में ज्यादा कीमत नहीं दी गयी और सरकार ने फ्रांस के लड़ाकू विमान के सौदे के लिए बहुत अच्छा मोलभाव किया. हमने अनुबंध से भी कम दाम पर 36 फ्रेंच लड़ाकू विमान राफेल के लिए मोलभाव किया.