कोयला घोटाला: सीबीआई ने पारख को पूछताछ के लिए 25 अप्रैल को तलब किया
नयी दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कोयला खान आवंटन घोटाले में पूर्व कोयला सचिव पी सी पारख को 25 अप्रैल को पूछताछ के लिए बुलाया है. पारख पर हिंडाल्को को ओडिशा में कोयला ब्लाक आवंटन में अपने पद के दुरपयोग का आरोप है. हिंडाल्को आदित्य बिडला समूह की कंपनी है. पारख (69) ने […]
नयी दिल्ली : केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कोयला खान आवंटन घोटाले में पूर्व कोयला सचिव पी सी पारख को 25 अप्रैल को पूछताछ के लिए बुलाया है. पारख पर हिंडाल्को को ओडिशा में कोयला ब्लाक आवंटन में अपने पद के दुरपयोग का आरोप है. हिंडाल्को आदित्य बिडला समूह की कंपनी है. पारख (69) ने अपनी पुस्तक में सीबीआई विशेषरुप से उसके निदेशक रंजीत सिन्हा की उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए कडी आलोचना की है. आधिकारिक सूत्रों ने आज बताया कि पारख को शुक्रवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया है. इस दौरान उनसे संभवत: जांच समिति के फैसले को बदलने के बारे में पूछा जाएगा.
जांच समिति ने तालाबिरा-दो कोयला ब्लाक का आवंटन सार्वजनिक उपक्रम नेवेली लिग्नाइट को किया था. लेकिन बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा बिडला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिडला के आग्रह के बाद इस पर पुनर्विचार को कहने के बाद उन्होंने अपना निर्णय बदल दिया था. सीबीआई ने पिछले साल पारख व बिडला के अलावा हिंडाल्को व कोयला मंत्रलय के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ मामला दायर किया है. जांच एजेंसी का आरोप है कि 2005 के दौरान इन लोगों तथा पारख ने आपराधिक साजिश कर तालाबिरा दो व तालाबिरा तीन कोयला ब्लाकों के आवंटन में ओडिशा के उद्योग को अनुचित लाभ पहुंचाया.
प्राथमिकी के तहत नेवेली लिग्नाइट को तालाबिरा दो ब्लाक दिया गया था, लेकिन पारख ने कथित तौर पर हिंडाल्को का पक्ष लिया और उसे नेवेली के साथ ब्लाक में भागीदारी की अनुमति दी, जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ. इस मामले में पीएमओ तथा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को क्लीन चिट देते हुए पारख ने अपनी किताब में कहा है कि यह फैसला व्यापक राष्ट्र हित में लिया गया था.