नयी दिल्ली : गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सरगरमी बढ़ गयी है. इधर भाजपा के पाटीदार वोटबैंक में सेंध लगाने की कोशिश में कांग्रेस को सफलता मिलती नजर आ रही है. गुजरात कांग्रेस और पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (PAAS) के बीच हुई बैठक सफल बतायी जा रही है. दोनों के बीच आरक्षण सहित सारे मुद्दों पर सहमति हो गई है.
हालांकि दोनों ही पार्टी ने यह साफ नहीं किया है कि बैठक में किन-किन बिंदुओं पर चर्चा हुई और क्या सहमती बनी. इधर PAAS के नेताओं ने बैठक के बाद कहा कि हार्दिक पटेल सोमवार को राजकोट में एक बड़ी घोषणा करेंगे. PAAS नेता दिनेश बांभनीया ने कहा, हमारा पहला और आखिरी सरोकार आरक्षण से है.
वहीं गुजरात कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने कहा, ‘पास’ ने कोई टिकट नहीं मांगा है, न अल्पेश ठाकोर और न ही जिग्नेश मेवाणी ने. जहां पर बात अटकी हुई थी पिछली मीटिंग से, उन बातों पर हमारे बीच समझौता और सहमति हुई है.पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन-पत्र दायर करने के लिए सिर्फ दो दिन बचे हैं, लेकिन कांग्रेस ने अब तक अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं, क्योंकि पार्टी पटेल आरक्षण के मुद्दे और अंदरुनी गुटबाजी से निपटने के साथ जातिगत संतुलन साधने की कोशिश कर रही है. यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस हार्दिक पटेल की अगुवाई वाली पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पास) के सदस्यों को टिकट देगी, इस पर उन्होंने हां कहकर जवाब दिया. उन्होंने कहा, पास के सदस्यों ने टिकट नहीं मांगे हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी के हित में उन्हें टिकट देगी. शरद पवार की एनसीपी और शरद यादव की अगुवाई वाले जदयू के धड़े के साथ सीट साझेदारी समझौते के बाबत सोलंकी ने कहा कि बातचीत जारी है और नतीजे का इंतजार है.
* गुजरात विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे सोलंकी
कांग्रेस की गुजरात इकाई के अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने कहा कि वह अगले महीने होने जा रहा राज्य विधानसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. हालांकि, उन्होंने इन खबरों को खारिज किया कि वह उम्मीदवारों के चयन के मुद्दे पर पार्टी आलाकमान से नाखुश हैं.
विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की ओर से अपने उम्मीदवारों की पहली सूची अब तक जारी नहीं करने के मद्देनजर सोलंकी का चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान काफी अहम है. नौ दिसंबर को होने वाले पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन-पत्र दाखिल करने की समयसीमा 21 नवंबर को खत्म हो रही है. गुजरात में सत्ताधारी भाजपा राज्य की कुल 182 विधानसभा सीटों में से 106 सीटों के लिए अपने उम्मीदवार घोषित कर चुकी है.
सोलंकी ने कहा, मैंने पहले भी कहा है और भी घोषित कर रहा हूं कि मैं गुजरात विधानसभा चुनाव नहीं लडूंगा. टिकटों के बंटवारे को लेकर आलाकमान से नाखुश होने की खबरों पर सोलंकी ने कहा कि यह सच नहीं है. उन्होंने पत्रकारों से कहा, कुछ लोगों ने मेरे खिलाफ अभियान शुरु किया कि मैं पार्टी आलाकमान से खुश नहीं हूं और गुजरात लौटने के लिए (पिछले हफ्ते) केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बीच में ही छोड़ दी थी.
सोलंकी ने कहा, मैं पार्टी आलाकमान से नाखुश नहीं हूं. उन्होंने कहा कि वह गुजरात इस वजह से लौटे थे क्योंकि चुनाव प्रचार में उनके जिम्मे कुछ अहम काम थे. उन्होंने कहा, पार्टी ने मेरे लिए बहुत कुछ किया है. मैंने दो लोकसभा चुनाव जीते हैं और स्वतंत्र प्रभार के साथ तीन मंत्रालय संभाले हैं. मैं तीन बार विधायक चुना गया. यह पूछे जाने पर कि कांग्रेस के गुजरात की सत्ता पर काबिज होने की सूरत में क्या उन्होंने खुद को मुख्यमंत्री पद की दौड़ से अलग कर लिया है, इस पर सोलंकी ने कहा कि मुख्यमंत्री पर फैसला करना पार्टी आलाकमान का विवेकाधिकार है.
सोलंकी से जब पूछा गया कि यदि वह पार्टी से नाखुश नहीं थे तो दिल्ली से सीधे बोरसाड स्थित अपने घर क्यों गए, इस पर सोलंकी ने कहा कि वह वहां इसलिए गए थे क्योंकि पिछले साढे तीन महीने से वह अपने घर नहीं गए थे. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक 17 नवंबर को दिल्ली में हुई थी. सोलंकी ने कहा कि वह चुनावों में अधिकतम सीटें जीतने में कांग्रेस की मदद करेंगे, क्योंकि वह पार्टी के वफादार सिपाही हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस उम्मीदवारों की पहली सूची आज रात जारी होने की संभावना है.