POK पर अब्दुल्ला की टिप्प्णी को लेकर आदेश देने से हाइकोर्ट का इनकार
नयी दिल्ली/ चंडीगढ़ : दिल्ली उच्च न्यायालय ने पाकिस्तानी कब्जेवाले कश्मीर के संबंध में की गयी कथित टिप्पणी को लेकर नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारुक अब्दुल्ला के खिलाफ कार्रवाई की मांग करनेवाली जनहित याचिका पर कोई भी आदेश देने से मंगलवार को इनकार कर दिया. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायूमर्ति सी हरीशंकर की पीठ […]
नयी दिल्ली/ चंडीगढ़ : दिल्ली उच्च न्यायालय ने पाकिस्तानी कब्जेवाले कश्मीर के संबंध में की गयी कथित टिप्पणी को लेकर नेशनल कांफ्रेंस प्रमुख फारुक अब्दुल्ला के खिलाफ कार्रवाई की मांग करनेवाली जनहित याचिका पर कोई भी आदेश देने से मंगलवार को इनकार कर दिया. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायूमर्ति सी हरीशंकर की पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह संबंधित मंत्रालय से संपर्क करे जो इस पर फैसला लेगा.
दिल्ली के मौलाना अंसार रजा की ओर से दायर याचिका पर अदालत सुनवाई कर रही थी. स्वयं को सामाजिक कार्यकर्ता बतानेवाले रजा ने अपनी याचिका में कहा है कि श्रीनगर से सांसद ने पाकिस्तान का समर्थन किया है और भारत का अपमान किया है, इसलिए तुरंत जांच कर उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए.
पीठ ने रजा की याचिका का निस्तारण करते हुए कहा कि वह अर्जी पर अपने विचार व्यक्त नहीं कर रहा है. पीठ ने केंद्र से इस मामले पर स्वतंत्र विचार रखने को कहा है. अदालत ने कहा कि यह अर्जी संबंधित प्राधिकार के समक्ष आवेदन दिये बगैर ही दी गयी है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि अब्दुल्ला ऐसे विवादास्पद टिप्पणियां कर रहे हैं और बयान दे रहे हैं जिनसे देश और उसके लोगों को यह सोचते हुए भी शर्म आ रही है कि वह भारतीय नागरिक हैं.
अब्दुल्ला ने 11 नवंबर को कहा था कि पीओके पाकिस्तान का हिस्सा है और भारत-पाकिस्तान कितनी भी लड़ाइयां कर लें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा. वकील नवल किशोर झा के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया था कि नेकां प्रमुख के खिलाफ भारतीय दंड संहिता के तहत देशद्रोह का मुकदमा चलना चाहिए और इस पूरे मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी और खुफिया ब्यूरो से करवानी चाहिए. अब्दुल्ला ने कहा था, ना सिर्फ भारत के लोगों को, बल्कि दुनिया के लोगों को मैं उनसे स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि (जम्मू-कश्मीर का) वह हिस्सा जो पाकिस्तान के साथ है (पीओके) वह पाकिस्तान का है और यह हिस्सा भारत है. यह नहीं बदलेगा. वह जितने युद्ध चाहते हैं करने दो. यह नहीं बदलेगा.
अब्दुल्ला की जीभ काटनेवाले को 21 लाख रुपया इनाम देने की घोषणा
वहीं, चंडीगढ़ के एक संगठन ने फारुक अब्दुल्ला की जीभ काटनेवाले के लिए 21 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की है. इसने कहा है कि उन्होंने पाकिस्तान समर्थक अपनी टिप्पणी से देश का अपमान किया है और वह आरएसएस के खिलाफ बोल रहे हैं. संगठन के प्रमुख ने अब्दुल्ला को गिरफ्तार करने की भी मांग की है. संगठन प्रमुख ने कहा, अपनी हालिया टिप्पणी में फारुक आरएसएस के खिलाफ बोल रहे हैं और पाकिस्तान का समर्थन कर रहे हैं, उन्होंने भारत का अपमान किया है. उन्होंने कहा, फारुक एक बड़े देशद्रोही हैं और केंद्र सरकार को उनकी जेड प्लस सुरक्षा वापस ले लेनी चाहिए. मैं फारुक की जीभ काटनेवाले व्यक्ति को 21 लाख रुपये इनाम दूंगा. गौरतलब है कि हाल ही में अब्दुल्ला ने कहा था कि पाकिस्तान कमजोर नहीं है और उसने चूड़ियां नहीं पहन रखी है कि वह भारत को जम्मू कश्मीर के उस हिस्से को अपने कब्जे में लेने की इजाजत देगा.