नयी दिल्ली : पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अजहर भारत के कुछ बड़े नेताओं को निशाना बना सकता हैं. जैश की लिस्ट में कुछ वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री और एक हाई-प्रोफाइल मुख्यमंत्री शामिल हैं. खुफिया एजेंसियों को मिली जानकारी के अनुसार अजहर ने इस मिशन को अंजाम देने के लिए आतंकियों का विशेष दस्ता तैयार किया है और एजेंसियां इस इनपुट की पुष्टि करने में जुट गयी हैं.
सूत्रों की मानें तो पिछले सप्ताह इंटेलिजेंस की बैठक में इस इनपुट को उन सभी पक्षों के साथ साझा किया गया, जिनके आतंकी संगठन के निशाने पर आने की जानकारी सामने आयी है. जानकारी के अनुसार, इस मिशन को कामयाब बनाने के लिए जैश-ए-मोहम्मद और लश्क-ए-तैयबा ने हाथ मिला लिया है एवं दोनों साजो-सामान के लिए बांग्लादेश स्थित एक कैडर का उपयोग कर रहे हैं. इस बात की भी जानकारी है कि जिन आतंकवादियों को यह जिम्मा दिया गया है, उनमें से कुछ तो सीमा के अंदर प्रवेश भी कर चुके हैं.
आंतकियों के बीच बातचीत सुनकर ऐसा प्रतित हो रहा है कि उन्होंने एक ऐसे मुख्यमंत्री को अपना प्राइम टारगेट बनाया है जिनकी सुरक्षा के बहुत कड़े इंतजाम नहीं हैं. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि इस इनपुट की पुष्टि करना फिलहाल बाकी है. एक विदेशी खुफिया एजेंसी की टीमें ढाका के पास उस गुप्त स्थान का दौरा कर चुकी हैं, लेकिन वहां उन्हें कुछ प्राप्त नहीं हुआ है.
सूत्रों की मानें तो जैश-ए-मोहम्मद के टॉप आतंकवादी अजहर पर कार्रवाई और इसी महीने उसके भांजे तल्हा रशीद की भारतीय सुरक्षा बलों के हाथों मार गिराए जाने से आतंकी गुस्से में हैं. तल्हा की मौत से संगठन को बड़ा झटका लगा है क्योंकि वह पुलवामा पुलिस लाइंस और श्रीनगर एयरपोर्ट समेत कई जगहों पर हमले में शामिल रहा था. पिछले कुछ दिनों में जम्मू-कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों की संख्या बढ़ी हैं क्योंकि देवबंदी ग्रुप घाटी में आतंक का प्रमुख कमान लश्कर की जगह उसे ही सुपूर्द करना चाहता है.
यहां उल्लेख कर दें कि दो दिन पहले मध्य कश्मीर के बडगाम इलाके से जैश के तीन आतंकवादी गिरफ्तार किये गये हैं.