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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सुप्रीम कोर्ट व हाइकोर्ट के जजों के वेतन वृद्धि को दी मंजूरी

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों और इन न्यायालयों के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के लिए संशोधित वेतन, ग्रेच्यूटी, भत्तों और पेंशन को मंजूरी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षा में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी. यह कदम […]

नयी दिल्ली : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों और इन न्यायालयों के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों के लिए संशोधित वेतन, ग्रेच्यूटी, भत्तों और पेंशन को मंजूरी दी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षा में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गयी. यह कदम केंद्रीय कर्मचारियों के लिए गठित सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रियान्वयन के अनुपालन में हुआ है.

विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि वेतन में वृद्धि के संदर्भ में संसद में एक विधेयक पेश किया जायेगा. इसके माध्यम से भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआइ), भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों, उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों और सभी न्यायाधीशों के वेतन को प्रशासित करनेवाले दो कानूनों सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीश (वेतन एवं सेवा शर्त) अधिनियम, 1958 और उच्च न्यायालय न्यायाधीश (वेतन एवं सेवा शर्त) अधिनियम 1954 में आवश्यक संशोधन करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है.

वेतन एवं भत्तों आदि में बढ़ोतरी से भारत के सर्वोच्च न्यायालय के 31 न्यायाधीशों (सीजेआइ सहित) और उच्च न्यायालयों के 1079 न्यायाधीशों को फायदा मिलेगा. इसके साथ-साथ लगभग 2500 सेवानिवृत्त न्यायाधीशों को भी पेंशन, ग्रेच्यूटी में संशोधन के कारण फायदा मिलेगा. उल्लेखनीय है कि साल 2016 में तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने इस बारे में सरकार को पत्र लिखा था और उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन में वृद्धि की मांग की थी. मंत्रिमंडल के इस फैसले के तहत संशोधित वेतन, गेच्यूटी, पेंशन और परिवार पेंशन में संशोधन एक जनवरी 2016 से लागू होगा और बकाया राशि एकमुश्त भुगतान के रूप में प्रदान की जायेगी.

उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के संबंध में वेतन, गेच्यूटी, पेंशन और भत्ते आदि सर्वोच्च न्यायालय न्यायाधीश (वेतन एवं सेवा शर्त) अधिनियम, 1958 तथा उच्च न्यायालयों के वेतन, गेच्यूटी, पेंशन और भत्ते आदि उच्च न्यायालय न्यायाधीश (वेतन एवं सेवा शर्त) अधिनियम 1954 द्वारा प्रशासित होते हैं. सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के वेतन, गेच्यूटी, पेंशन और भत्ते आदि में संशोधन करने के लिए जब कभी भी कोई प्रस्ताव होता है तो उपर्युक्त अधिनियमों में संशोधन करने की आवश्यकता होती है. इसलिए, सरकार का वेतन एवं भत्तों के संशोधन को लागू करने के लिए संबंधित अधिनियमों में संशोधन हेतु संसद के आगामी सत्र में एक विधेयक पेश करने का प्रस्ताव है.

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