राष्ट्रपति ने बैंकरप्सी कोड संशोधन अध्यादेश को मंजूरी दी, बढ़ेगी दिवालिया कंपनियों के प्रमोटर्स की मुश्किल

नयी दिल्ली : दिवालिया कानून को और सख्त बनाने वाले अध्यादेश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को मंजूरी दे दी. जिसके तहत दिवालिया कंपनियों के प्रमोटर्स की मुश्किल बढ़ेगी. माना जा रहा है कि इसके बाद अब डिफॉल्टर्स किसी भी कंपनी के लिए बिडिंग नहीं कर सकेंगे. इस फैसले को सरकारी बैंकों के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 23, 2017 4:45 PM

नयी दिल्ली : दिवालिया कानून को और सख्त बनाने वाले अध्यादेश को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को मंजूरी दे दी. जिसके तहत दिवालिया कंपनियों के प्रमोटर्स की मुश्किल बढ़ेगी. माना जा रहा है कि इसके बाद अब डिफॉल्टर्स किसी भी कंपनी के लिए बिडिंग नहीं कर सकेंगे. इस फैसले को सरकारी बैंकों के लिए राहत की खबर माना जा रहा है. कैबिनेट ने बुधवार को ही इनसॉल्‍वेंसी एंड बैंकरप्‍सी कोड में संशोधन के लिए एक अध्‍यादेश लाने को मंजूरी दी थी.

अध्यादेश लागू होने से दिवालिया कंपनियों के प्रमोटर्स दोबारा कंपनियों में हिस्सेदारी नहीं खरीद पायेंगे. बैंकरप्सी कानून में होने वाले बदलाव से सरकारी बैंकों को बड़ा फायदा होगा. वहीं बैंकरप्सी प्रक्रिया से गुजररही कुछ अहम कंपनियों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती है. साथ ही 15वें वित्त आयोग के गठन को भी कैबिनेट से मंजूरी मिल गयी है.
क्या है दिवालिया कानून
देश में जीएसटी के बाद इस कानून को सबसे बड़ा आर्थिक सुधार के रूप में देखा जा रहा है. इस कानून के तहत कारोबारी अगर किसी कारणवश व्यवसाय में असफल हो जाता है, तो उसके प्रापर्टी को नीलाम किया जा सकता है. इस बिल का सबसे बड़ा फायदा बैंकों को होगा. बैंकों को डूबे हूए कर्ज की रिकवरी के लिए कारोबारी की प्रापर्टी बेची जा सकती है. अर्थशास्त्रियों के मुताबिक बिजनेस फेल होने की स्थिति में कारोबारियों के पास पहले कोई विकल्प नहीं बचता था. अब लोग रिस्क लेने से नहीं डरेंगे.

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