क्या एक चार साल का बच्चा रेप कर सकता है? क्या एक अबोध बच्चे का मस्तिष्क इसके लिए तैयार होता है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि परसों 23 नवंबर को दिल्ली के द्वारका इलाके से एक ऐसी खबर सामने आयी है, जो हमारे प्रगतिशील होते समाज के सामने कई प्रश्न खड़े करती है. खबर आयी थी एक चार साल के बच्चे ने अपनी सहपाठी लड़की के साथ ‘सेक्सुल एक्टिविटी’ की. पुलिस भी सकते में है कि आखिर उस बच्चे के खिलाफ कैसी कार्रवाई की जाये. कानून में सात साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सुरक्षा का भी प्रावधान है. पुलिस कार्रवाई से पहले जानकारों से संपर्क कर रही है.
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क्या एक चार साल का बच्चा रेप कर सकता है?
क्या एक चार साल का बच्चा रेप कर सकता है? क्या एक अबोध बच्चे का मस्तिष्क इसके लिए तैयार होता है? यह सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि परसों 23 नवंबर को दिल्ली के द्वारका इलाके से एक ऐसी खबर सामने आयी है, जो हमारे प्रगतिशील होते समाज के सामने कई प्रश्न खड़े करती है. […]
यह तो बात हुई कानून की, लेकिन सवाल यह है कि क्या इतने छोटे बच्चे को रेपिस्ट करार दिया जा सकता है? क्या उसे शारीरिक संबंधों की जानकारी है भी? क्या वह इन चीजों को समझता है. अगर विज्ञान की मानें तो एक चार साल के बच्चे का दिमाग इन चीजों के लिए तैयार नहीं होता है.
विज्ञान का कहना है कि एक बच्चे के अंदर सेक्स की भावना बचपन से होती है लेकिन उसका विकास बच्चे के विकास के साथ ही होता है. जैसे-जैसे बच्चे का विकास होता है उसमें सेक्स के प्रति जिज्ञासा भी बढ़ती जाती है. बच्चा जब चार-पांच साल का होता है तो उसमें अपने बॉडी पार्ट को लेकर जिज्ञासा हो जाती है और वह अकसर अपने बॉडी पार्ट को छूता है, उसकी जिज्ञासा अपने से बड़ों के शरीर के प्रति भी होती है और यही कारण है कि वह अपनी मां के स्तन को भी छूता रहता है. बच्चे का यह व्यवहार आम है.
जब बच्चा थोड़ा और बड़ा होता है मसलन जब वह पांच से दस साल का हो जाता है तो वह सेक्स में और रुचि लेता है, वह यह जानना चाहता है कि बच्चे का जन्म का जन्म कैसे होता है. वह इसके बारे में अपने बड़ों से सवाल करता है. वह सेक्स के बारे में जिज्ञासु हो जाता है. अपने अंगों के बारे में सवाल पूछता है.
10-12 साल से ज्यादा का हो जाने पर वह दूसरों के सामने कपड़े बदलने में हिचकिचाता है. उसके व्यवहार में बहुत अंतर आ जाता है और वह इस वक्त सेक्स के प्रति जागरुक हो जाता है.
सेक्स के प्रति बच्चों की जानकारी के बारे में चर्चा करने का उद्देश्य यह है कि हम यह समझें कि एक चार साल का बच्चा रेपिस्ट नहीं हो सकता है. अगर उसने सेक्सुल एक्टिविटी की है, तो इसका यह अर्थ है कि या तो उसने किसी को ऐसा करते देखा है या फिर वह बच्चा खुद यौन शोषण का शिकार हुआ है.
यह स्थिति ‘अलार्मिंग’ है क्योंकि बच्चा अपनी उम्र से पहले कुछ ऐसी एक्टिविटी कर रहा है, जो उसे नहीं करनी चाहिए. बहुत संभव है कि उसने अपने माता-पिता सेक्स करते देखा हो या यह भी संभव है कि उस बच्चे को कोई उस तरह की चीजें जबरदस्ती दिखा रहा हो. ऐसे में यह उसके मां-बाप की और पूरे समाज की जिम्मेदारी है कि वह बच्चे पर ध्यान दें उसे प्यार दें, उसके सवालों का जवाब दें, ताकि बच्चे का जीवन संवरने से पहले ना बिगड़े.
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