रायगढ़ : छत्तीसगढ़ में रायगढ़ के जिला उपभोक्ता विवाद निपटान मंच ने एक निजी अस्पताल को चिकित्सकीय लापरवाही के मामले में उस पर सात लाख रुपये का जुर्माना किया है. इस मामले में मंच ने अस्पताल को लापरवाही का दोषी पाया है. मंच ने अस्पताल को चंद्रकात साहू के रिश्तेदारों को 7.14 लाख रुपये के मुआवजे का भुगतान करने का आदेश दिया है, जिनकी इलाज के दौरान मृत्यु हो गयी थी. पेशे से वकील साहू की यहां स्थित फोर्टिस ओपी जिंदल हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में 19 जुलाई को इलाज के दौरान मौत हो गयी थी.
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साहू के वकील डीके जायसवाल ने कहा कि उनके पिता रोहित कुमार साहू ने चिकित्सकों पर लापरवाही का आरोप लगाया था और 19 लाख रुपये मुआवजे की मांग करते हुए जिला उपभोक्ता मंच का दरवाजा खटखटाया था. उन्होंने कहा कि जिला उपभोक्ता मंच के अध्यक्ष एमडी जगदला ने शुक्रवार को मुआवजा आदेश जारी किया.
उन्होंने बताया कि चंद्रकांत साहू किडनी संबंधी बीमारी से पीड़ित थे और उनका फोर्टिस ओपी जिंदल हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में सप्ताह में तीन बार डायलिसिस हुई. 18 जुलाई को डायलिसिस के दौरान उनकी स्थिति खराब हो गयी. जब उनके रिश्तेदारों ने डायलिसिस ऑपरेटर को वरिष्ठ चिकित्सकों को बुलाने के लिए कहा, तो उसने कथित रूप से मना कर दिया और कहा कि वे तय समय पर ही आते हैं. बाद में साहू की मृत्यु हो गयी.
अस्पताल के वकील किशोर थवैत ने सुनवाई के दौरान कहा कि इलाज में मानक प्रक्रिया का पालन किया गया और उसमें कोई लापरवाही नहीं हुई. जायसवाल ने कहा कि उपभोक्ता मंच ने हालांकि कहा कि लापरवाही हुई और अस्पताल को 7.14 लाख रुपये का भुगतान पीड़ित परिवार को करने के लिए कहा, जिसमें मानसिक पीड़ा के लिए एक लाख रुपये शामिल हैं.