श्रीनगर : जम्मू और कश्मीर में जिस तरह से बीते कुछ दिनों में सुरक्षा बलों ने एक के बाद एक लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों को मार गिराने का काम किया है, उससे पाकिस्तान स्थित यह आतंकवादी संगठन बुरी तरह बौखला चुका है. यही कारण है कि आतंकियों ने एक बार फिर कश्मीर में कायराना हरकत की है. छुट्टी पर घर आये सेना के एक जवान की अगवा करने के बाद आतंकियों ने हत्या कर दी. इस साल ऐसी छह घटनाएं सामने आयी हैं.
मृत जवान की पहचान 23 वर्षीय इरफान अहमद डार के रूप में हुई है. वह 175 टेरीटोरियल आर्मी (इंजीनियर्स) बांडीपोरा में तैनात था. इरफान शुक्रवार को अपने गांव सेनजेन से कार में निकला, लेकिन उसके बाद वापस नहीं लौटा. शनिवार की सुबह गोलियों से छलनी उसका शव वोथमुला गांव में मिला. वह 26 नवंबर तक छुट्टी पर था. रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा, ऐसा लग रहा है कि अवकाश के दौरान आतंकवादियों ने उसे अगवा कर उसकी हत्या कर दी.
छुट्टी मनाने आये जवानों को निशाना बनाने की यह पहली घटना नहीं है. यह तीसरी बार है जब आतंकवादियों ने सेना या बीएसएफ में तैनात किसी जवान को ऑफड्यूटी निशाना बनाया है. दरअसल, पिछले एक सप्ताह में सेना ने आक्रामक कार्रवाई करते हुए लश्कर-ए-तैयबा को पूरी तरह बैकफुट पर खड़ा कर दिया है. सुरक्षाबलों के ऑपरेशन में पिछले एक सप्ताह में कम से कम 12 लश्कर आतंकवादियों को ढेर कर दिया है.
जानकारों की मानें तो निहत्थे जवानों को निशाना बनाये जाने के पीछे लश्कर की बौखलाहट तो है ही, साथ ही ऐसी कायराना हरकत करके यह संगठन स्थानीय लोगों के बीच अपना खौफ जमाना चाहता है ताकि लोग सेना में जाने से घबराएं.
पहले की दो घटना को करें याद
यहां चर्चा करते चलें कि मई में आतंकवादियों ने इसी तरह की कायराना हरकत को अंजाम देते हुए सेना के लेफ्टिनेंट उमर फयाज का अपहरण कर उनकी हत्या कर दी थी. फयाज 22 साल के थे जो छुट्टी मनाने अपने घर आये हुए थे और एक शादी में शामिल होने के लिए कुलगाम पहुंचे थे. इसी शादी समारोह में आतंकवादियों ने बंदूक की नोक पर उन्हें अगवा किया और फिर उनकी हत्या कर दी. इसके अलावा यदि आपको याद हो तो 27 सितंबर को चार पाकिस्तानी आतंकवादियों ने बांदीपोरा में 23 साल के बीएसएफ जवान मोहम्मद रमजान की उनके घर में घुसकर हत्या कर दी. वह भी उस वक्त छुट्टी पर थे.