नयी दिल्ली : नौ साल पहले आज ही के दिन मुंबई में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवारको कहा कि आतंकवाद से निपटने के लिए दुनिया को एकजुट होना होगा. आकाशवाणी पर प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि चार दशक से भी अधिक समय से भारत आतंकवाद का मुद्दा उठाता रहा है. लेकिन, तब दुनिया ने इसे गंभीरता से नहीं लिया. लेकिन, अब पूरे विश्व को आतंकवाद के विनाशकारी पहलुओं का अहसास हो गया है. आतंकवाद के खात्मे के लिए दुनिया को हाथ मिलाना होगा.
प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद और चरमपंथ ने देश के सामाजिक तानेबाने को नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया है और यह आवश्यक हो गया है कि सभी मानवीय ताकतें इस समस्या को समझें. मुंबई हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि नौ साल पहले आज ही के दिन (26/11 को), आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला बोल दिया था. देश उन बहादुर नागरिकों, पुलिसकर्मियों, सुरक्षाकर्मियों और उन सभी लोगों का स्मरण करता है, उनको नमन करता है जिन्होंने हमले में अपनी जान गंवायी. यह देश कभी उनके बलिदान को नहीं भूल सकता. गौरतलब है कि मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए आतंकी हमले में 166 लोग मारे गये थे. आतंकवादियों से लोहा लेते हुए 18 पुलिस अधिकारी एवं एनएसजी के दो कमांडो शहीद हो गये थे.
मोदी ने कहा कि यह धरती भगवान बुद्ध, भगवान महावीर, गुुरु नानक, महात्मा गांधी की है जिन्होंने अहिंसा और प्रेम का संदेश दुनिया को दिया है. आतंकवाद और उग्रवाद, हमारी सामाजिक संरचना को कमजोर कर, उन्हें छिन्न-भिन्न करने का नापाक प्रयास करते हैं. और इसीलिए, न केवल भारत की बल्कि समूची दुनिया की मानवतावादी शक्तियों का अधिक जागरुक होना समय की मांग है. आतंकवाद को परास्त करने के लिए इन शक्तियों को एकजुट होना ही होगा. उन्होंने कहा कि आतंकवाद आज विश्व के हर भू-भाग में है और भयावह रूप ले चुका है. हम, भारत में तो गत 40 वर्ष से अधिक समय से आतंकवाद के कारण बहुत कुछ झेल रहे हैं. हमारे हजारों निर्दोष लोगों ने अपनी जान गंवायी है.
मोदी ने कहा कि आज, दुनिया की हर सरकार, मानवतावाद में विश्वास करनेवाले, लोकतंत्र में भरोसा करनेवाली सरकारें आतंकवाद को एक बहुत बडी चुनौती के रूप में देख रहे हैं. प्रधानमंत्री ने कहा, आतंकवाद ने विश्व की मानवता को ललकारा है, मानवतावाद को चुनौती दी है, वो मानवीय शक्तियों को नष्ट करने पर तुला हुआ है. और इसलिए,सिर्फ भारत ही नहीं, विश्व की सभी मानवतावादी शक्तियों को एकजुट होकर, आतंकवाद को पराजित करना ही होगा. प्रधानमंत्री का बयान ऐसे समय में आया है जब मुंबई पर आतंकी हमले के सरगना एवं जमात उद दावा के प्रमुख को पाकिस्तान में नजरबंदी से रिहा कर दिया गया. भारत ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि यह आतंकवाद को मुख्यधारा में लाने का पाकिस्तान का प्रयास है और आतंकवाद के मुद्दे पर दुनिया के सामने पाकिस्तान का असली चेहरा सामने आ गया है.